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इकोनॉमी से जोड़ें अपना कॅरियर

Published: Jul 28, 2015 12:52:00 pm

इकोनॉमिक्स और स्टेटेस्टिक्स से जुड़े कॅरियर
की इच्छा रखने वालों के समक्ष सरकारी और निजी दोनों ही अवसर
हैं

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अर्थव्यवस्था से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़कर कॅरियर बनाने के इच्छुक युवा भारतीय आर्थिक सेवा और भारतीय सांख्यिकी सेवा में तो आवेदन कर ही सकते हैं, साथ ही वे विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनीज में भी उच्च पदों तक अपनी पहुंच बना सकते हैं। आज इस फील्ड में कॅरियर बनाने के कई अवसर उपलब्ध हैं।

आईईएस/आईएसएस
भारतीय आर्थिक सेवा में आवेदन के लिए आवेदक के पास इकोनॉमिक्स/ अप्लाइड इकोनॉमिक्स/ बिजनेस इकोनॉमिक्स/ इकोमीट्रिक्स में पीजी डिग्री होना आवश्यक है। इसी तरह से भारतीय सांख्यिकी सेवा में बैठने के लिए जरूरी है कि आवेदक ने स्टेटिस्टिक्स/ मैथेमेटिकल स्टेटिस्टिक्स/ अप्लाइड स्टेटिस्टिक्स मे बैचलर्स किया हो या फिर इन्हीं सब्जेक्ट्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया हो। इन सेवाओं से जुड़ने वाले आवेदक अर्थव्यवस्था से जुड़े प्रमुख सरकारी विभागों में जाते हैं। यहां कॅरियर में ग्रोथ की काफी संभावनाएं मौजूद रहती हैं। आप भी इनमें से किसी एक सेवा के लिए तैयारी कर सकते हैं।

रिस्क एनालिस्ट

इकोनॉमिक्स और स्टेटेस्टिक्स की अच्छी समझ रखने वाले लोग फाइनेंस रिस्क एनालिस्ट के तौर पर काम कर सकते हैं। विशेष दक्षता हासिल करने के लिए ये लोग ए क्चुरियल साइंस में पीजी डिग्री लेना पसंद करते हैं। इनका प्रमुख काम विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद जोखिम का आकलन करके क्लाइंट्स को सलाह देना होता है। इनके प्रमुख कार्यक्षेत्र पेंशन, इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट, बैंकिंग आदि के हो सकते हैं। यह पोस्ट काफी सम्मानजनक मानी जाती है।

चार्टेड अकाउंटेंट
आर्थिकी की विशेष समझ रखने वाले युवा ग्रेजुएशन के साथ-साथ या इसके बाद चार्टेड अकाउंटेंट के प्रोफेशन में हाथ आजमाते हैं। सीए स्वतंत्र तौर पर भी काम कर सकते हैं और किसी कंपनी से जुड़कर भी। फाइनेंशियल ऑडिट के अलावा येे टैक्स प्लानिंग समेत विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर अपनी कंपनी या क्लाइंट्स को सलाह भी देते हैं। अनुभव बढ़ने के साथ इनकी तनख्वाह काफी अच्छी हो जाती है।

डिमांड और स्कोप
इको और स्टैट के कोर्सेज की कटऑफ डीयू समेत विभिन्न विवि में ऊंची रहती है।
इको और स्टैट पढ़ने वाले आईईएस व आईएसएस से सरकारी सेवा में जा सकते हैं।
इको और स्टैट की समझ रखने वालों के लिए एमएनसीज में भी अनेक विकल्प हैं।
डाटा एनालेसिस के मॉर्डन फील्ड में इन दोनों सब्जेक्ट्स के जानकारों की मांग है।
इन फील्ड के ग्रेजुएट्स एक्चुरियल साइंस में हायर स्टडीज कर सकते हैं।
आर्थिक विश्लेषक कंपनी से जुड़ने व फ्रीलांसिंग के अवसर।

कई हैं फील्ड्स
इकोनॉमिक्स और स्टेटेस्टिक्स के ग्रेजुएट कंपनीज में प्रमुखत: फाइनेंस, मैनेजमेंट, एचआर, मार्केटिंग फील्ड में काम करते हैं।

आईईएस/आईएसएस चयन
इन सेवाओं में चयन के लिए आवेदकों को प्रवेश परीक्षा देनी होती है, जिसके दो चरण होते हैं। पहला चरण लिखित परीक्षा का और दूसरे चरण मौखिक परीक्षा का होता है। लिखित परीक्षा 1000 अंकों की हाती है, जबकि मौखिक परीक्षा 200 अंकों की होती है। दोनों सेवाओं की लिखित परीक्षा में छह-छह पेपर होते हैं। पहला पेपर सामान्य अंग्रेजी का और दूसरा पेपर सामान्य अध्ययन का होता है। आर्थिक सेवा में अंतिम चार पेपर अर्थशास्त्र से जुड़े होते हैं, जबकि सांख्यिकी सेवा में ये चारों पेपर सांख्यिकी से ही जुड़े होते हैं। सभी विषयों के पेपर निबंधात्मक प्रकृति के होते हैं। सवाल अंग्रेजी में पूछे जाते हैं और जवाब भी अंग्रेजी में ही देने होते हैं। पहले और दूसरे पेपर 100-100 अंक के होंगे, बाकी200-200 के। पेपर के पैटर्न को समझकर ही तैयारी करें। मौखिक परीक्षा के बाद आवेदकों का चिकित्सीय परीक्षण भी किया जाता है। इसके बाद ही प्रशिक्षण शुरू होता है।

पेपर्स का पैटर्न
सामान्य अंग्रेजी और सामान्य अध्ययन से जुड़े प्रश्नपत्रों में जो सवाल पूछे जाते हैं, उनका स्तर ग्रेजुएशन वाला होता है, जबकि बाकी विषयों से जुड़े पेपर्स में पूछे गए सवाल पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल के होते हैं। इन विषयों से जुड़े विभिन्न टॉपिक्स का विवरण तो यूपीएससी की वेबसाइट पर दिया होता है। आवेदकों से उम्मीद की जाती है कि उन्हें सांख्यिकी और आर्थिकी के क्षेत्र में भारत के सामने मौजूद प्रमुख समस्याओं की विशेष जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए सिलेबस से इतर अपनी ओर से अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।

कैसे हो तैयारी
तैयारी के लिए संबंधित परीक्षा के नोटिफिकेशन आने का इंतजार न करें। यदि आप इसकी प्रवेश परीक्षा में बैठना चाहते हैं तो तैयारी अभी से ही शुरू कर दें। इस क्रम में वेबसाइट पर दिए सिलेबस के अनुसार तैयारी करते चलें। मूल सिद्धांतों को स्पष्ट करके आगे चलें। अंग्रेजी में निबंध और अनसीन पैसेज जैसे सवालों से आपके अंग्रेजी के ज्ञान को भी आंका जाएगा। सामान्य अध्ययन में भारतीय इतिहास, भूगोल, संविधान और सामान्य जागरूकता संबंधी सवाल होंगे। इनकी तैयारी पर भी जोर दें।

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