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समिति ने IIT परीक्षा में बड़े बदलाव की सिफारिश की

समिति ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जिसमें आईआईटी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के संबंध में कई सिफारिशें की गई हैं

Nov 07, 2015 / 04:52 pm

जमील खान

IIT

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नई दिल्ली। सरकार ने कोङ्क्षचग को निरुत्साहित करने के लिए आईआईटी संयुक्त प्रवेश परीक्षा में कई बड़े बदलाव किए हैं जो 2017 के बाद लागू होंगे। आईआईटी काउंसिल द्वारा प्रो. अशोक मिश्रा की अध्यक्षता में गठित समिति ने शनिवार को
अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जिसमें आईआईटी की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के संबंध में कई सिफारिशें की गई हैं।

रिपोर्ट में साल में दो या उससे अधिक बार छात्रों का ऑनलाइन एपटिट्यूट टेस्ट करने की सिफारिश की गई है और इसके लिए 2016 तक राष्ट्रीय टेङ्क्षस्टग सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है ताकि छात्रों में वैज्ञानिक अभिरूचि एवं नए अविष्कार के प्रति दिलचस्पी हो।

इस टेस्ट के आधार पर करीब चार लाख छात्रों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए चयनित किया जाएगा। यह टेस्ट इस तरह होगा कि छात्रों को कोङ्क्षचग से कोई फायदा न मिले। रिपोर्ट में संयुक्त प्रवेश परीक्षा को वर्तमान जेइई (एडवांसड) के आधार पर आयोजित करने की सिफारिश की गई है जिसमें भौतिकी, रसायन तथा गणित विषय होंगे और यह परीक्षा भी आईआईटी आयोजित करेगी।

संयुक्त प्रवेश परीक्षा से 40 हजार से अधिक छात्रों की रैङ्क्षकग तय होगी जो आईआईटी तथा एनआईटी में प्रवेश ले सकेंगे। रिपोर्ट में आईआईटी से अनुरोध किया गया है कि ‘मॉक जेईई परीक्षाÓ आयोजित करें जिससे छात्रों को जेईई की परीक्षा के लिए तैयारी हो सके। इसके लिए छात्र ‘मूक्सÓ प्रणाली का इस्तेमाल कर सकते हैं और इस तरह कोङ्क्षचग को हतोत्साहित किया जा सकता है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूली छात्रों की कोचिंग पर निर्भरता को खत्म करने के लिए स्कूली शिक्षा तथा परीक्षा प्रणाली को और सुधार सकती है ताकि विज्ञान में रुचि रखने वाले छात्र 12वीं कक्षा तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें विषय की जानकारी स्पष्ट हो सके। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 2016 तथा 2017 तक दो स्तरीय जेईई जारी रहेगा। जेईई मुख्य में चयनित दो लाख छात्र जेईई (एडवांसड) में बढ़ेंगे। इसके बाद 40 हजार से अधिक छात्रों का चयन जारी रहेगा।

पिछले साल की तरह ही आईआईटी तथा एनआईटी के लिए काउंसिङ्क्षलग होगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन सिफारिशों को लागू करने में कुछ समय लगेगा, इसलिए अगले साल होने वाली जेईई-2016 की परीक्षा 2015 की तरह ही होगी। बोर्ड की परीक्षा में प्राप्त अंकों का महत्व भी 2016 की परीक्षा में दिया जाएगा।

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