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Shiksha Mitra की चेतावनी : इंसाफ नहीं मिला तो कर लेंगे धर्म परिवर्तन

Published: Jul 30, 2017 05:34:00 pm

25 जुलाई को SC ने Shiksha Mitra की याचिका पर
अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के निर्णय को उचित ठहराया था, जिससे सहायक
अध्यापक बनने का सपना देख रहे शिक्षामित्रों को करारा झटका लगा था

Shiksha Mitra

Shiksha Mitra

सीतापुर। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आहत शिक्षामित्रों ने राज्य सरकार से न्याय दिलवाने की पहल करने की अपील के साथ चेतावनी दी है कि इंसाफ नहीं मिला तो इस्लाम धर्म कबूल कर लेंगे। Shiksha Mitra ने शासन-प्रशासन को साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्या का समाधान न हुआ तो जिस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को सम्बोधित कर रहे होंगे, उस समय शिक्षामित्र हिन्दू धर्म का परित्याग कर स्वेच्छा से इस्लाम कबूल कर लेंगे।

शिक्षामित्रों की धमकी से प्रशासन में खलबली मच गई है। शिक्षामित्रों ने इस आशय का शपथ पत्र देकर अपने एलान की तस्दीक कर दी है। गौरतलब है कि 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट के निर्णय को उचित ठहराया था, जिससे सहायक अध्यापक बनने का सपना देख रहे शिक्षामित्रों को करारा झटका लगा था।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आहत शिक्षामित्रों ने इन दिनों प्रदेशव्यापी आन्दोलन छेड़ रखा है। सीतापुर में भी शिक्षामित्रों ने अपने हक को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था और पुलिस बल पर पथराव कर हिंसक आन्दोलन को अंजाम दिया, दूसरे दिन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शान्तिपूर्ण ढंग से धरना देकर अपनी आवाज बुलन्द की।

हालांकि मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ ने शिक्षामित्रों को आश्वासन दिया था कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी और उनसे शान्ति एवं संयम बनाए रखने की अपील की थी, इसके बावजूद आज धरना प्रदर्शन में आए शिक्षामित्र विकास बाजपेयी, रमेश चन्द्र, नीलेश वर्मा, अनुज कुमार श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र पाण्डेय, रामप्रसाद, कमलेश वर्मा, अंजू बाजपेयी, रीता मिश्रा, मनोज, सोनालिका ने शपथ पत्र देकर कहा कि यदि उनकी समस्याओं का सम्मानजनक हल नहीं निकला तो 15 अगस्त को जिस वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लालकिले से राष्ट्र को सम्बोधित कर रहे होंगे उस समय वह अपने साथियों के साथ स्वेच्छा से इस्लाम धर्म स्वीकार कर लेंगे।

Shiksha Mitra का कहना है कि एक तरफ जहां गौरक्षा के नाम पर हिन्दूवादी संगठनों द्वारा वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है वहीं यह संगठन शिक्षामित्रों की समस्या के प्रति गम्भीर नहीं है। शिक्षामित्रों का कहना है कि फैसले के बाद शिक्षामित्रों के परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं और उनका भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है।

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