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कुछ क्रिएटिव करना चाहते हैं, तो बैगबाइप बजाकर बना सकते हैं करियर

Published: Jul 20, 2017 04:16:00 pm

इस कॅरियर में शारीरिक व्यायाम भी होता है और खुद रोजगार पाने के अलावा रोजगार देने की स्थिति में आ सकते हैं

Bagpipe

Bagpipe

आपने कई स्थानों पर नौकरियों के इश्तहार देखे होंगे, तमाम जरूरी शर्तों के साथ। बाद में आता है शिक्षा का मसला। इतनी शिक्षा तो कम से कम होनी ही चाहिए। फिर आप खुद में उस पद की काबिलियत खोजते हैं। अगर आपसे कहा जाए कि बेहद कम शिक्षा में एक ऐसी कॅरियर की राह मौजूद है, जिसमें आप संगीत का आनंद भी ले सकते हैं। इस कॅरियर में शारीरिक व्यायाम भी होता है और खुद रोजगार पाने के अलावा रोजगार देने की स्थिति में आ सकते हैं। ऐसा ही है बैगपाइप बजाने का कॅरियर। जानते हैं इसके बारे में-

क्या है बैगपाइप
याद कीजिए आर्मी के बैंड में थैलेनुमा हवा भरकर संगीत निकालने वाले यंत्र को। सुंदर कपड़ों में सजे-धजे सेनानी एक साथ लयबद्ध होकर बैगपाइप बजाते हैं। कभी-कभार शादियों में भी इस वाद्य यंत्र को देखा जा सकता है। बैग पाइप में कॅरियर की बात करने से पहले हमें इसके वर्तमान स्वरूप को समझना होगा। आजकल यह स्कूल्स में बहुत पसंद किया जा रहा है। तमाम स्कूल अपने सभी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपने अतिथियों के स्वागत के लिए इसका प्रयोग कर रहे हैं। साथ ही विविध प्रकार के आकर्षक यूनिफार्म पहनकर और साथ में ड्रम आदि बजाकर एक अलग ही समां बनता है। जाहिर है जब यह स्कूल्स में बजता है तो इसके प्रशिक्षकों की भी जरूरत पड़ती है।

क्या है योग्यता
आर्थिक रूप से कमजोर, कम पढ़े-लिखे युवाओं के लिए इसमें रोजगार की संभावना हमेशा बनी रहती है। टू टियर्स और थ्री टियर्स सिटीज में रहने वाले ऐसे छात्र जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, या जो 8वीं या 10वीं पास छात्र हैं, उनके लिए यह बेहतर कॅरियर ऑप्शन हो सकता है। विदेशों में भी इनकी खूब डिमांड है।

कॅरियर की संभावना
इसमें रोजगार की संभावना काफी है। इसमें कई कोर्स हैं जैसे बैगपाइप मेजर, ड्रम मेजर, बैंड मास्टर्स व यंग ब्वॉयज कोर्स। इन कोर्सेज को करने के बाद आपकी आर्मी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, राज्य पुलिस, रेलवे पुलिस में भर्ती की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है।

बैगपाइप के फायदे
यह बात वैज्ञानिक रूप से सत्य सिद्ध हो चुकी है कि जो लोग नियमित रूप से बैगपाइप को बजाते हैं, उन्हें फेफड़ों से संबंधित बीमारी की आशंका कम हो जाती है। यह वाद्य यंत्र पूरी तरह से हमारी श्वांस प्रणाली के आधारित पर है और इसमें धुन ही तब निकलती है, जब बैग में हवा भरी हो।


संस्थान
भारत रक्षक बैंड स्टैंड, पचमढ़ी, मध्यप्रदेश
www.bharat-rakshak.com

नेशनल पुलिस बैंड इंस्टीट्यूट, खादरपुर, गुडगांव
www.crpf.nic.in

मोदी स्कूल, लक्ष्मणगढ़, राजस्थान
www.modyschool.ac.in


इन्वेंटशन: ए बैगपाइप बैंड एंड म्यूजिक एकेडमी, नई दिल्ली, पेहवा
www.theinvention.org

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