चाईबासा। जंगली हाथियों के खौफ ने एक परिवार को अपना घर छोड़ पेड़ पर मचान बनाकर रहने को मजबूर कर दिया है। मामला राजधानी रांची से सटे बुंडु के गितीलडीह गांव का है, जहां पिछले कई दिनों से जंगली हाथियों का प्रकोप है। इसके बावजूद इसके वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने परिवार को बचाने के लिए आगे नहीं आ रहा है।
बुंडु के हुम्टा पंचायत के गितीलडीह गांव हालांकि जनजीवन सामान्य है, लेकिन नटवर लोहरा का परिवार बेहद बैचेन हैं क्योंकि परिवार के सभी सदस्य अपना घर छोड़कर पास में मौजूद पेड़ पर मचान बनाकर रहने को मजूबर है। क्योंकि जंगली हाथियों के आए दिन होने वाले उत्पात के कारण परिवार के मुखिया समेत सभी सदस्यों को अपनी जान जाने का भय है।
बड़ों के साथ-साथ घर के बच्चे भी जंगली हाथियों के झुंड द्वारा आए दिन घर का अनाज खा लेने और घरों को तोड़ देने के वाकये से भयभीत हैं। परिवार के मुखिया नटवर लोहार कहते हैं कि दरअसल दो साल पहले हाथियों ने घर पर हमला किया था।
परिवार के मचान पर रहने का मामला सामने आने पर पंचायत के मुखिया फेकला गंझू भी जानकारी लेने मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी कहा कि आए दिन जंगली हाथियों के उत्पात से त्रस्त ग्रामीणों के संबंध में जानकारी वह वन विभाग एवं स्थानीय
बुंडु प्रखंड के अधिकारियों को देते हैं। अधिकारी इस अनसुना कर मामले में टालमटोल का रवैया अपनाए हुए हैं।
वन विभाग और सरकारी मशीनरी नाकाम
जंगली हाथियों से बुंडु प्रखंड के अधिकांश गांव और वहां के ग्रामीण प्रभावित है. पिछले कई सालों में अब तक कई मौतें भी हुई हैं। इस समस्या का कोई स्थायी समाधान ढूंढ पाने में वन विभाग और सरकारी मशीनरी नाकाम रही है। अब ग्रामीण आदिम युग की तरह जंगली जानवरों से बचने के लिए पेड़ का सहारा ले रहे हैं। हालांकि हाथियों की ताकत के सामने ये सब इंतजाम बेकार हैं।