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हाईकोर्ट के आदेशों के आगे झुके सीपीएस, दिया इस्तीफा

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Jul 19, 2017 01:29:00 pm

सरकार ने नहीं डाली पुनर्विचार याचिका, दूसरे राज्यों का किया रिव्यू, मुख्यमंत्री से एकसाथ मुलाकात करके सौंपा त्यागपत्र

punjab haryana high court

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चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों के बाद हरियाणा के चार मुख्य संसदीय सचिवों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। सरकार ने इस मामले में अभी तक पुनर्विचार याचिका नहीं दायर की है और अब इस्तीफे के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सभी संभावनाएं समाप्त हो गई हैं।

चारों सीपीएस ने यह कदम हाईकोर्ट के फैसले के बाद पार्टी हाईकमान की सहमति से उठाया है। हालांकि हाईकोर्ट द्वारा पुनर्विचार याचिका के लिए दिए गए समय की सीमा अभी बाकी है लेकिन उससे पहले ही सीपीएस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बैंच ने बीती पांच जुलाई को अपना फैसला सुनाते हुए इस नियुक्ति को अमान्य करार दे दिया था।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सत्ता में आने के बाद 23 जुलाई 2015 को राज्य में चार मुख्य संसदीय सचिव बनाए थे। हरियाणा में इस समय रादौर के विधायक श्याम सिंह राणा, असंध के विधायक बख्शीश सिंह, भडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा तथा हिसार के विधायक कमल गुप्ता को मुख्य संसदीय सचिव के पद पर तैनात थे।

पिछले साल अगस्त माह में हाईकोर्ट ने पंजाब के 18 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को रद्द किया तो अधिवक्ता जगमोहन सिंह भट्टी ने पंजाब के संबंध में आए निर्णय को आधार बनाकर हरियाणा सरकार में 4 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी।

हाईकोर्ट ने पांच जुलाई को इस संबंध में अपना फैसला देते हुए इसे लागू करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। अर्थात् हरियाणा सरकार के पास हाईकोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट की बड़ी बैंच अथवा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के लिए समय दिया गया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा सरकार ने अपने कानूनी विशेषज्ञों के माध्यम से इसका रिव्यू किया। पिछले साल जब हाईकोर्ट ने पंजाब के संबंध में अपना फैसला दिया तो पंजाब की तत्कालीन सरकार ने भी पुनर्विचार याचिका दायर करने की बजाए सीपीएस का इस्तीफा करवा दिया था। रिव्यू के दौरान अन्य राज्यों में इस तरह की उदाहरणें देखने को मिली। जिसके चलते भाजपा हाईकमान की सहमति के बाद यह तय किया गया कि सीपीएस अपने पदों से इस्तीफा देंगे।

पार्टी हाईकमान तथा मुख्यमंत्री की सहमति के बाद चारों निवर्तमान सीपीएस श्याम सिंह राणा, कमल गुप्ता, सीमा त्रिखा तथा बख्शीश सिंह विर्क एक साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के लिए पहुंचे और उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया।

हरियाणा में पैदा हुए ताजा हालातों के बाद प्रदेश के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने स्वीकार किया कि प्रदेश सरकार ने अभी तक हाईकोर्ट अथवा सुप्रीम कोर्ट में किसी तरह की पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है। इस्तीफा दिए जाने के बाद उन्होंने कहा कि इस्तीफे के बाद पुर्विचार याचिका का कोई औचित्य नहीं है।
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