scriptमनरेगा घोटाले में दोषी आईएएस ने अधिकारियों नहीं की अपील | IAS officer guilty in MGNREGA scam, did not appeal to lokayukta | Patrika News

मनरेगा घोटाले में दोषी आईएएस ने अधिकारियों नहीं की अपील

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Jul 14, 2017 04:43:00 pm

हरियाणा बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में लोकायुक्त द्वारा दोषी करार दिए गए प्रदेश के चार आईएएस अधिकारियों ने लोकायुक्त

IAS officer guilty in MGNREGA scam

IAS officer guilty in MGNREGA scam

चंडीगढ़। हरियाणा बहुचर्चित मनरेगा घोटाले में लोकायुक्त द्वारा दोषी करार दिए गए प्रदेश के चार आईएएस अधिकारियों ने लोकायुक्त के समक्ष किसी तरह की अपील दाखिल नहीं की है। आईएएस अधिकारियों को अपील को लेकर केवल अटकलों व अफवाहों का बाजार ही गर्म है।

हरियाणा के लोकायुक्त जस्टिस एन.के.अग्रवाल ने प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को वार्षिक रिपोर्ट सौंप दी। राज्यपाल अपनी मंजूरी के बाद यह रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखने के लिए भेजेंगे। विधानसभा की मंजूरी के बाद लोकायुक्त की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा।

लोकायुक्त एन.के.अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान 31 मार्च 2017 तक कुल 390 शिकायतें आई, जिनमें से 333 का निस्तारण हो गया। पिछली और मौजूदा शिकायतों को मिलाकर फिलहाल 1025 शिकायतें लंबित हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है। लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में हरियाणा के चार आइएएस अधिकारियों के खिलाफ अंबाला के मनरेगा घोटाले में एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश के केस का भी हवाला दिया है।
 
लोकायुक्त का फैसला आने के बाद खबर आई कि चारों आइएएस इसके खिलाफ अपील करने की तैयारी में हैं, लेकिन लिखित में ऐसी कोई अर्जी अभी तक लोकायुक्त कार्यालय को नहीं मिली है। लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में उनके कार्यालय में आए सभी केस और सुनाए गए फैसले की सिलसिलेवार जानकारी दी है।

लोकायुक्त के फैसले पर तीन माह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट भेजने का प्रावधान है, लेकिन कई केस में अभी तक कोई जवाब विभागाध्यक्षों और सरकार की तरफ से नहीं आया है, जिस पर लोकायुक्त की रिपोर्ट में ऐतराज जताया गया है। लोकायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार को की गई कार्रवाई से अवश्य अवगत कराया जाना चाहिए। रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के मामलों पर चिंता जताई गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि लोकायुक्त के पास आने वाली शिकायतों में अधिकतर भ्रष्टाचार से संबंधित हैं।


लोकायुक्त अग्रवाल ने भी मांगे अधिकार
हरियाणा के पूर्व लोकायुक्त जस्टिस प्रीतम सिंह पॉल ने अपने कार्यकाल के दौरान हमेशा ही यह प्रयास किया है कि वह लोकायुक्त को मजबूत बना सकें लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सके। वर्तमान लोकायुक्त एन.के.अग्रवाल ने भी अपनी रिपोर्ट में लोकायुक्त कार्यालय को सुविधाएं देने, लोकायुक्त कानून में बदलाव कर उसे अधिक पावरफुल बनाने तथा लोकायुक्त को किसी भी केस में कार्रवाई करने का अधिकार प्रदान किए जाने के सुझाव दिए गए हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह से सरकार की मंशा भ्रष्टाचार पर अंकुश और पारदर्शिता की है, उसके मद्देनजर लोकायुक्त कानून को अधिक कड़ा किए जाने की जरूरत है।
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