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दो साल बाद मिले लापता बच्चों के कंकाल, हत्यारा गिरफ्तार

locationचंडीगढ़ पंजाबPublished: Jul 30, 2015 06:03:00 pm

बच्चों के कंकाल बरामद, पुलिस ने आरोपी मामा को किया गिरफ्तार, पुलिस ने रखा था 1 लाख रुपए का ईनाम

children skeletons found

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गुडग़ांव। दो साल पूर्व चार बच्चों की हत्या करने वाला आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का ईनाम रखा हुआ था। आरोपी मूलरूप से यूपी के जिला अलीगढ़ का रहने वाला है। घटना को अंजाम देने के पीछे उसकी अपने जीजा के साथ हुआ झगड़ा था।




पुलिस के मुताबिक मई 2013 में भोंडसी थाना में सूचना मिली थी कि क्षेत्र में श्रीराम भट्टा पर काम करने वाले दो परिवारों के चार बच्चे गायब हो गए हैं। वे सुबह गांव हरियाहेड़ी स्थित सरकारी स्कूल गए थे, लेकिन स्कूल से घर नहीं लौटे। गायब होने वाले बच्चों में एक सात साल का लडक़ा और छह से आठ साल की उम्र की तीन लड़कियां शामिल थी। बच्चों के गायब होने की सूचना पर पुलिस ने भोंडसी थाना में मामला दर्ज किया।

पुलिस की ओर से गायब हुए इन बच्चों की तलाश के भरसक प्रयास किए गए, लेकिन ये बच्चे नहीं मिले। गुडग़ांव पुलिस ने इन बच्चों के बारे सूचना देने वाले को एक लाख रूपये ईनाम की घोषणा की गई थी। 27 जुलाई को भोंडसी थाना प्रबन्धक को एक गुप्त सूचना मिली कि दो साल पहले चार बच्चों को गायब करने वाला व्यक्ति देवराज पुत्र राम स्वरूप निवासी गांव दत्रावली थाना बरला जिला अलीगढ़ यूपी का है। वह गांव अलीपुर आने वाला है। इस सूचना पर गांव अलीपुर से उसे काबू किया गया। पूछताछ करने पर पहले तो यह पुलिस को बरगलाता रहा, लेकिन सख्ताई से पूछने पर इसने दिल दहलाने वाला खुलासा करते हुए बच्चों की हत्या करने का अपराध कबूल किया।




चाकू से गला काटकर की थी चारों की हत्या
आरोपी देवराज ने पुलिस पूछताछ में बताया कि लगभग दो साल पहले यह इन चारो बच्चों को बहला फुसलाकर हरियाहेड़ा गांव के पास पहाड़ में ले गया था। वहां चाकू से गला काटकर चारों बच्चों की हत्या कर दी थी तथा शवों को झाडिय़ों के पास पहाड़ में ही छुपा दिया था। इनमें से दो बच्चों का तो वह सगा मामा है।

स्कूल से ले गया था चारों बच्चों को
आरोपी देवराज ने कहा कि वह अनपढ़ तथा शादीशुदा है। भट्टा पर मजदूरी का काम करता है। वर्ष-2013 में यह गांव हरियाहेड़ा के पास भट्टा पर काम करता था, उसी भट्टा पर उसका जीजा सत्यप्रकाश भी काम करता था। वह अपने जीजा से झगड़ो की वजह से रंजिश रखता था। इसी रंजिश के चलते बदला लेने की नीयत से इसने योजना बनाई और योजनानुसार गांव हरियाहेड़ा के सरकारी स्कूल में पढऩे गए इन बच्चों को स्कूल से छुट्टी के बाद पहाड़ में ले गया। मृतक शिवानी व कुलदीप का सगा मामा होने के कारण बच्चों को अपने साथ ले जाने में इसे कोई परेशानी भी नहीं हुई। अन्य लड़कियों मेहन्दी व तुलसी भी इन बच्चों की सहेलियां थी, जो कि इनके साथ चली गई। अपनी भान्जी शिवानी व भान्जे कुलदीप तथा मेहन्दी व तुलसी को वह पहाड़ में ले गया तथा एक स्थान पर बिठा दिया। एक-एक करके बच्चों को झाडियों में ले गया तथा चाकू से गर्दन काटकर चारों बच्चों की हत्या कर दी थी। हत्या उपरान्त चारों शवों को पहाड़ में झाडिय़ों के पास छुपा दिया था।



पहले पूछताछ में देवराज ने नहीं खोला कोई राज
कई दिनों तक जब चारों बच्चे नहीं मिले तो पुलिस ने शक के आधार पर देवराज से उस समय भी पूछताछ की थी, लेकिन उसने राज नहीं खोला। घटना के लगभग 15 दिन बाद वह अपनी पत्नी को लेकर यहां से गायब हो गया था। पिछले दो साल से वह अलग-अलग स्थानों पर रह रहा था, लेकिन बीते रोज पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसके बाद इस जघन्य हत्याकाण्ड का खुलासा कर दिया। इसकी निशानदेही पर मृतक चारों बच्चों के कंकाल उसने पहाड़ से बरामद करा दिए हैं। गहनता से पूछताछ की जा रही है।
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