जल्लीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन करने वालों की गिरफ्तारी का विरोध
जलीकट्टू के समर्थन में कई राजनीतिक दल उतर आए है। डीएमके कार्यकारी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन समेत कई
चेन्नई।जलीकट्टू के समर्थन में कई राजनीतिक दल उतर आए है। डीएमके कार्यकारी अध्यक्ष एम. के. स्टालिन समेत कई राजनीतिज्ञों ने जलीकट्टू के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों की गिरफ्तारी का कड़ा विरोध करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। स्टालिन ने मरीना बीच पर जाकर जलीकट्टू का समर्थन कर रहे युवाओं के प्रति एकजुटता दिखाई। स्टालिन ने अलंगनल्लूर में पुलिस दमन की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों को रिहा करने की मांग की।
स्टालिन ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार को जलीकट्टू के समर्थन में पहल करनी चाहिए तथा जलीकट्टु को जल्द बहाल किया जाना चाहिए। स्टालिन जो विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं ने आरोप लगाया कि पुलिस उन लोगों का रास्ता रोक रही है जो अलंगनल्लूर में प्रदर्शन कर रहे युवाओं को खाना-पानी पहुंचा रहे हैं। साथ ही स्थानीय लोगों को भी अपने घरों में रहने के लिए दबाव बना रही है।
डीएमडीके संस्थापक विजयकांत ने सरकार से अनुरोध किया है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को बिना शर्त रिहा किया जाएं। सांसद अन्बुमणि रामदास ने कहा कि जलीकट्टु को लेकर कई बदलाव किए गए हैं। जलीकट्टु को लेकर न तो राज्य सरकार गंभीर है और न ही केन्द्र। सीपीआई प्रदेश सचिव आर. मुथरसन ने कहा कि अलंगनल्लूर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई जिससे तनाव के हालात पैदा हुए। दमनकारी नीति से कभी भी वांछित परिणामों की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
टीवीके संस्थापक टी, वेलमुरुगन ने कहा कि इस मामले में केन्द्र ने चुप्पी साध रखी है। पुलिस की दमनकारी नीति किसी भी हालत में स्वीकार नहीं की जाएगी। केएमडीके महासचिव ई.आर. ईश्वरन ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को अपनी चुप्पी तोडऩी चाहिए तथा गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल रिहा करना चाहिए। केजेके अध्यक्ष जी.के. नागराज ने कहा कि जलीकट्टु के आयोजन से कोई रोक नहीं सकता है।