चेन्नई. मुख्यमंत्री जयललिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित पार्टी कार्यकर्ता और उनके समर्थकों ने मैसूर के चामुंडी पहाड़ी स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर में दर्शन किए और 1.6 करोड़ रुपए के सोने और चांदी के गहने दान में दिए।
श्री चामुंडेश्वरी मंदिर मैनेजमेंट बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु से आए अम्मा के समर्थकों ने दर्शन के बाद 1.6 करोड़ रुपए के सोने और चांदी के गहने चढ़ाए। चेन्नई के जया पब्लिकेशन के नाम पर 43 लाख के गहने भगवान गणेश और 1 करोड़ 18 लाख के जेवर अन्जेनेय्या भगवान (हनुमान) को कोडनाडु एस्टेट के नाम पर चढ़ाए। इसके साथ ही जयललिता की सेहत जल्द ठीक होने के लिए देवी चामुंडेश्वरी की पूजा-अर्चना भी की। मंदिर के पुजारियों ने दावा किया कि यह जयललिता की कुलदेवी है। जयललिता ने करीब 12 साल पहले यहां वचन लिया था उसी वचन की पूर्ति के तौर पर समर्थकों ने गहने दान दिए।
मानवाधिकार आयोग ने उठाए सवाल
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तु ने जयललिता के स्वास्थ्य पर टिप्पणी करने के मामले में आम जनता को गिरफ्तार करने को लेकर तमिलनाडु पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं। दत्तु ने कहा कि जनता को किसी भी मामले में सवाल करने का हक है। यह उनका मौलिक अधिकार है। जनता को अपनी राय रखने का भी अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि किसी भी विषय में पूछने और अपनी राय रखना लोगों को मौलिक अधिकार है। तमिलनाडु पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए दत्तु ने कहा है कि मुख्यमंत्री जयललिता के सेहत के बारे में सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म पर बातें करने वालों पर मामला दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने में जल्दबाजी दिखा रही है।
इसी साल एनएचआरसी के अध्यक्ष पद की कमान संभालने वाले दत्तु ने पहली बार मीडिया से बात करते हुए तमिलनाडु पुलिस पर सवाल उठाए हैं।
कुछ दिन पहले डीएमके कोषाध्यक्ष एमके स्टालिन ने सीएम के बारे में अफवाह फैलाने के मामले में अपने पार्टी कार्यकर्ता को पुलिस द्वारा प्रताडि़त करने और गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने बयान जारी कर कहा था कि यह पार्टी कार्यकर्ता के खिलाफ कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।