राजाजी राजकीय अस्पताल के बड़े अजीब हाल हैं। ऑपरेशन थिएटर (ओटी) की कमी की वजह से एक तरफ
मदुरै।राजाजी राजकीय अस्पताल के बड़े अजीब हाल हैं। ऑपरेशन थिएटर (ओटी) की कमी की वजह से एक तरफ तो पर्याप्त संख्या में सर्जरी नहीं हो पा रही है वहीं दूसरी ओर सर्जिकल ऑन्कॉलोजी का ऑपरेशन थिएटर गत दो साल से बंद पड़ा है।
चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के आंकड़ें बताते हैं कि 2016 में यहां 26.77 लाख मरीजों का इलाज हुआ। 24122 बड़ी और 37 हजार 785 छोटी सर्जरी की गई। अस्पताल प्रशासन ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि परिसर में 20 ओटी हैं। इनमें से अधिकांश जैसे सर्जिकल ऑन्कॉलोजी, सर्जिकल गेस्ट्रोएंट्रोलोजी और यूरोलॉजी के लिए एक ही ओटी काम आ रहा है।
सूत्रों के अनुसार चेन्नई के
राजीव गांधी राजकीय अस्पताल के बाद राजाजी अस्पताल में सर्वाधिक मरीजों का परीक्षण और इलाज होता है लेकिन यहां पर्याप्त संख्या में ओटी नहीं है। विडम्बना यह है कि कमी गिनाने वाले अस्पताल प्रशासन के पास ऑन्कॉलोजी ऑपरेशन के लिए आधुनिक सुविधाओं व उपकरणों से लैस सर्जिकल थिएटर हैं। इस ओटी का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री डा. सी. विजयभास्कर ने 2015 में किया था लेकिन इसका उपयोग नहीं हो रहा। अस्पताल प्रशासन को इस लापरवाही का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जिस वजह से कैंसर रोगियों को सर्जरी के लिए निजी अस्पताल जाना पड़ रहा है।
राजाजी अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि चेन्नई से तुलना की जाए तो ऑपरेशन थिएटर में बेड की संख्या और निश्चेतन विशेषज्ञों की कमी है। स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में कई प्रतिवेदन भेजे गए हैं लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। बंद ऑन्कॉलोजी ओटी पर उनका कहना था कि इसमें कुछ सुधार कार्य चल रहा है और एक महीने बाद इसे शुरू किया जाएगा।