छतरपुर. अपने घर में कम जगह में भी फल और सब्जी उगाने का फायदा आप ही जान सकते हैं। घर के छोटे से बगीचे मेें जब आप जैविक खेती के जरिए उत्तम और देशी बीज का उपयोग करते हैं तो वह आपको और आपके परिवार को काफी सेहतमंद महसूस होगा। मप्र गांधी आश्रम में मप्र गांधी स्मारक, किसान विज्ञान केन्द्र बुंदेलखंड एवं भारतीय सांस्कृतिक निधि नई दिल्ली के सहयोग से चल रहे जैविक खेती प्रशिक्षण सत्र के चौथे दिन नई जानकारियां दी गईं। वर्धा महाराष्ट्र से कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रीति जोशी ने पहले सत्र में अपने घर के आसपास बहुत की कम जगह और कम लागत में अपने घर के लिए सब्जियों के बगीचे कैसे लगा सकते है और उसमें फलों की सब्जियां जैसे-भिंडी चौली, बरवटी ग्वार, आदि पत्ता सब्जियां और रोप वाटिका की जमीन की तैयारी व बुवाई का किसानों प्रत्यक्ष प्रशिक्षण दिया।
प्रशिक्षण के दूसरे सत्र में किसान कैसे अपनी सब्जियों और खेती के बीजों को संरक्षित कर सकते हैं इस पर विस्तृत जानकारी दी गयी तथा देशी बीजों का महत्व, बीजों में सुधार तथा उसके तरीके, नए संकरित बीज तथा जीएम बीजों के गुण दोष के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होने कहा कि आज अपने स्वदेशी एवं पारंपरिक सब्जी एवं खेती के बीज धीरे धीरे समाप्त होने की स्थिति में हैं। उनको संरक्षित रखना अतिआवश्यक है। महेश भटट् द्वारा बनाई गई फिल्म ”थाली में जहर” तथा बीटी बीजों के दुष्परिणों की फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
इसके बाद मप्र गांधी स्मारक, निधि और किसान विज्ञान केन्द्र, बुंदेलखंड छतरपुर के द्वारा संकलित किए बीजों का प्रदर्शन किया गया और किसानों को बीजों की विशेषताओं के बारे में बताया गया। सतना से आए बाबूलाल दहिया ने मप्र और छग से संग्रहित विविध प्रकार की धान की प्रजातियों के बारे में जानकारी दी और स्थानीय बीजों के बीज बैंक स्थापित करने की जानकारी दी। मुरैना से वरिष्ठ समाजसेवी नीला हार्डिकर ने स्थानीय बीजों का बीज बैंक छोटे-छोटे समूह से कैसे बना सकते हैं इसकी जानकारी दी। डॉ. भारतेन्दु प्रकाश ने किसानों को प्रमाणीकरण के जैविक खाद्य के लिए पीजीएस प्रमाणपत्र के मुख्य मानक तथा प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण में रितु नरवरिया , मीनाक्षी सिंह, यशस्वनी भायल, अभिषेक, प्रेम नारायण मिश्रा, संजय जैन, विनोद निरंजन, विवेक गोस्वामी, नारायण सिंह भायल, अर्पित देशमुख, कृष्णकांत मिश्रा, शिवाशीष, वीरू, शोभना श्रीवास्तव, दमयंती पाणी इत्यादि उपस्थित रहे।
फोटो-सीएचपी-19071703 का केप्शन-फोटो-सीएचपी-19071704 का केप्शन- कृषि विकास पर चर्चा की गई