छिंदवाड़ा। कैंसर ला इलाज बीमारी नहीं है, समय पर उपचार दिए जाने से इससे छुटकारा मिल सकता है। जड़ी-बूटी तथा अन्य साधनों से कैंसर ठीक नहीं होता है। जिला स्तर पर कैंसर जैसी जटिल बीमारी के रोगियों को उचित उपचार मिलना अपने आप में एक आदर्श है। मरीजों की संख्या कम या ज्यादा नहीं हो रही है। हालांकि इस रोग के मरीज समाज में है।
स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे मुंबई के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश पेंढारकर ने पत्रिका से चर्चा में अपनी बात कही। डॉ. पेंढारकर ने बताया कि शासन की ओर से लगभग सभी दवाएं उपलब्ध है। कैंसर की दवाओं की मांग कम होने ने कम्पनी डिलेवरी देने में संकोच करते है। इसलिए दवा की आपूर्ति होने में समय लगता है। पत्रिका
राज्य बीमारी सहायता अंतर्गत शासन द्वारा अनुमोदित निजी संस्थाओं में मरीज पहुंचते है। लेकिन मरीजों को वहां कितना उपचार दिया जा रहा है, इसकी उपयोगिता की जानकारी किसी को हैं ही नहीं। इसके लिए शासन ने स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों को प्रशिक्षण देना चाहिए। डॉ. पेंढारकर ने बताया कि वर्तमान में सबसे अधिक मुंह, स्तन व बच्चादानी कैंसर के रोगी प्रकाश में आ रहे है। पत्रिका