करीब डेढ़ दशक पहले गलती से सरहद पार करके पाकिस्तान चली गई मूक बधिर लड़की गीता का ख्याल रखने वाले समाजसेवी संगठन ‘ईधी फाउंडेशन’ की संस्थापक बिल्कीस बानो ईधी ने उस मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दी गई एक करोड़ रुपए की अनुदान राशि लौटा दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने मंगलवार को कहा कि फाउंडेशन द्वारा अनुदान राशि लौटाए जाने की खबरें मिलने पर उन्होंने तुरंत ईधी से संपर्क किया जिन्होंने इन खबरों का खंडन किया।
ईधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री द्वारा घोषित अनुदान की राशि को पूरी विनम्रता से स्वीकार करती हैं। इससे पहले पाकिस्तानी अखबार डॉन ने खबर दी थी कि फाउंडेशन ने मोदी की ओर से दिया गया एक करोड़ रुपए का अनुदान मंगलवार को लौटा दिया।
अखबार ने संगठन के प्रवक्ता अनवर काजमी के हवाले से कहा, ‘अब्दुल सत्तार ईधी ने मोदी को धन्यवाद देते हुए उनकी ओर से दी जा रही सहायता राशि लेने से विनम्रतापूर्वक इन्कार कर दिया है।’
मोदी ने सोमवार को गीता के स्वदेश लौटने के बाद फाउंडेशन के लिए यह सहायता राशि देने की घोषणा की थी। गीता के दिल्ली पहुंचने के बाद में मोदी ने ट्विटर पर कहा कि उन्हें गीता के साथ कुछ वक्त गुजार कर अच्छा लगा।
उन्होंने कहा कि गीता की देखभाल के लिए ईधी परिवार को शुक्रिया अदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। वे करुणा एवं प्रेम की मूर्ति हैं। ईधी परिवार ने जो किया, उसकी कोई कीमत नहीं आंकी जा सकती है। गीता एक दशक से अधिक समय तक ईधी परिवार के संरक्षण में रही।
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