तस्करों से छुड़ाए और ग्रामीणों के सुपुर्द किए गोवंश
एक सप्ताह से अधिक मंडी परिसर और खुले आसमान के नीचे समय बिताने के बाद आखिरकार गोवंश ग्रामीणों के सुपुर्द करना पड़ा।
छिंदवाड़ा•Sep 23, 2016 / 10:42 am•
छिंदवाड़ा . एक सप्ताह से अधिक मंडी परिसर और खुले आसमान के नीचे समय बिताने के बाद आखिरकार गोवंश ग्रामीणों के सुपुर्द करना पड़ा। पुलिस और ग्रामीणों की देखरेख में तस्करों से मुक्त कराए गए गोवंश रखे गए। न्यायालय से आदेश होने के बाद भी गोशाला संचालक ने गोवंश रखने से मना कर दिया तब पुलिस को यह कदम उठाना पड़ा। पुलिस के समक्ष यह सबसे बड़ी समस्या लम्बे समय से आ रही है जिसका स्थायी समाधान अभी तक नहीं किया गया।
पांढुर्ना थाना पुलिस ने 11 सितम्बर को तस्करों के कब्जे से मवेशी मुक्त कराए थे। पांढुर्ना और जामसांवली गोशाला मवेशी लेकर पहुंचे तो संचालकों ने मवेशी लेने से इनकार कर दिया। एक सप्ताह से अधिक समय तक पुलिस ने गोवंश के लिए मंडी परिसर में ही इलाज के साथ ही चारा पानी का इंतजाम किया। गोशाला संचालक को न्यायालय से मवेशी लेने के आदेश हुए, लेकिन उसने जगह की कमी का हवाला देते हुए मवेशी लेने से दोबारा इनकार कर दिया। अंत में पुलिस ने पिछले दिनों ग्रामीण किसानों के सुपुर्द गोवंश किए।
इनके सुपुर्द किए गोवंश
जटलापुर निवासी गणेश पिता मनोहर, वसंतराव पिता सिताराम वाडिवा, दिवाकर पिता दशरथ कुमरे, उमरीकला निवासी विक्रम पिता गुलाब सिंग चौहान, केवल सिंग पिता गुल्लू उइके, वासुदेव पिता बालाजी तीडग़ाम सहित अन्य किसानों के सुपुर्द 26 गोवंश किए गए हैं।
किसानों से भरवाया सुपुर्दनामा
गोशाला संचालकों ने गोवंश लेने से इनकार कर दिया जिसके चलते एक सप्ताह बाद गोवंश को ग्रामीणों के सुपुर्द किया गया है। ग्रामीण किसानों से सुपुर्दनामा, वचन पत्र और हिफाजतनामा भरवाया गया है। तस्करों से मुक्त कराने के बाद गोवंश को रखने की सबसे बड़ी समस्या सामने आ रही है।
डॉ. जीके पाठक, एसपी, छिंदवाड़ा