कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत राजपाल चौक पर मकान के समीप से गुजरी हाइटेंशन लाइन के सम्पर्क में आने से गुरुवार को एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
छिंदवाड़ा .कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत राजपाल चौक पर मकान के समीप से गुजरी हाइटेंशन लाइन के सम्पर्क में आने से गुरुवार को एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक जबलपुर के गुलौआ चौक वीर सावरकर वार्ड का निवासी है। वह माइक्रो फाइनेंस कम्पनी में सीएसओ के पद पर पदस्थ था।
कोतवाली थाने के एएसआई सुरेश दीक्षित ने बताया कि जबलपुर निवासी निशांत सिंह ठाकुर पिता श्रवण सिंह ठाकुर (24) राजपाल चौक निवासी रमेश सोनी के मकान में किराए से रहा था। बयान में मकान मालिक रमेश सोनी ने बताया कि 12 बजे के तकरीबन वह ऑफिस से लौटने के बाद भवन की द्वितीय तल पर मोबाइल फोन पर बात कर रहा था। बात करते-करते उसका हाथ मकान से समीप से ही गुजरे हाइटेंशन तार से छू गया और निशांत करंट के चपेट में आ गया।
इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि सड़क से गुजर रहे एक युवक ने जब निशांत का शव तार से लटका देखा तो इसकी जानकारी मकान मालिक को दी गई। मकान मालिक ने तत्काल इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने प्रथम दृष्टया मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
हादसे की वजह बन रही ऐसी लापरवाही
छिंदवाड़ा. शहर के भीतर बिजली के तार मौत की वजह बन रही है। पिछले कुछ दिनों में दो हादसे हो चुके हैं। लापरवाही की बिजली के कारण एक बालक बुरी तरह झुलस गया तो वहीं गुरुवार को एक युवक ने जान गंवा दी। तेजी से बनते मकान और उनकी ऊंचाई बिजली के तारों को छू रही है, जो लगातार बड़े हादसों का कारण बन रही। मकान निर्माता और विद्युत वितरण कम्पनी इस मामले पर जरा भी गम्भीर नहीं है। समय रहते सुधार या फिर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो यह आंकड़ा बढ़ता रहेगा। जिम्मेदार अधिकारी केवल नोटिस जारी करने का आश्वासन दे रहे हैं।
मकान मालिक से मांगे गए दस्तावेज
एएसआई सुरेश के अनुसार रमेश सोनी का मकान हाईटेंशन लाइन के तार से सटा हुआ है। दूरी आधा फीट से भी कम है। एेसे में नगरनिगम से उन्हें मकान निर्माण की अनुमति कैसे मिल गई, यह सवालों के घेरे में है। एएसआई सुरेश दीक्षित का कहना है कि मकान मालिक रमेश सोनी से मकान निर्माण के दस्तावेज मांगे गए हैं जो शाम तक उन्होंने प्रस्तुत नहीं किए हैं। फिलहाल जांच चल रही है। जांच के बाद मकान मालिक पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
भवन बनने के बाद नहीं करते जांच
पूरे शहर में कई कॉलोनियां और स्थल एेसे हैं, जहां छत के नजदीक से बिजली लाइन गुजरती हंै। नगरनिगम द्वारा भवन निर्माण की अनुमति देते समय इसका ध्यान नहीं रखा जाता और न ही निर्माण के बाद इसकी जांच की जाती है। इससे हमेशा विद्युत दुर्घटना का खतरा बना रहता है। निगम के सहायक यंत्री अशोक पाण्डे से जब इस सम्बंध में सवाल पूछे गए तो उनका कहना है कि यह विषय विद्युत मण्डल का है। उनके अधिकारी ही स्पष्ट रूप से बता पाएंगे।
मकान मालिक ने नहीं दिया कोई आवेदन
शहरी विद्युत वितरण केंद्र छिंदवाड़ा के मुख्य कार्यपालन अभियंता योगेश उइके ने बताया कि राज्यपाल चौक पर हाइटेंशन लाइन से सटकर बने मकान के मालिक द्वारा तार हटाने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया गया है। तार हटाने के लिए आवेदन देते हैं तो कम्पनी व्यवस्था करती है। आज ही चंदनगंाव में ऐसी ही स्थिति में आवास बनाने पर सम्बंधित को नोटिस जारी किया गया है। निर्माण पूर्व आवेदन न करने पर घटना की जिम्मेदारी मकान मालिक की होती है।