चित्रकूट. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बन गए हैं डॉक्टर प्रकाश जावड़ेकर। जावड़ेकर को जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के 6वें दीक्षांत समारोह में डीलिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता प्रभात झा को भी डीलिट की मानद उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम में शिरकत करने आए केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि देश में विकलांगों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह का कार्य पहली बार देखा है और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद वे भी पहली बार किसी दीक्षांत समारोह में आए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विकलांगों को और अधिक छात्रवृत्ति देने पर विचार कर रहा है। इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर किसी भी तरह के राजनीतिक बयानों से साफ बचते नजर आए। कार्यक्रम के बाद चलते चलते पत्रकारों से सूक्ष्म समय के लिए मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के बीच खुद को पाकर वे अभिभूत हैं और विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय के 6वें दीक्षांत समारोह में शिरकत करने आए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा की चित्रकूट में विकलांगों की सेवा और शिक्षा का जो कार्य इस विश्वविद्यालय के माध्यम से हो रहा है वो उन्होंने पहले कहीं नहीं देखा। जल्द ही इस विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए केंद्र से एक टीम भेजी जाएगी जिसकी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जावड़ेकर ने कहा की मोदी जी दिव्यांगों को आगे बढ़ाने के लिए खुद संकल्पबद्ध हैं और सरकार विकलांगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं और छात्रवृत्ति देने पर गहन विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि मानव संसाधन मंत्री बनने के बाद उनके पास कई जगह दीक्षांत समारोह में जाने के लिए निमन्त्रण आया लेकिन वे कहीं नहीं गए परन्तु चित्रकूट के विकलांग विश्वविद्यालय के बारे में उन्होंने काफी कुछ सुन रखा था जिसपर उन्हें निमन्त्रण मिलने पर यहां आने के लिए सोचना ही नहीं पड़ा। हालांकि इस दौरान अपने सम्बोधन में वे किसी भी राजनीतिक बयानबाजी से बचते नजर आए। पत्रकारों से सूक्ष्म बातचीत में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा की आदर्श ग्राम योजना के तहत गाँवों का विकास सम्भव है और उन्होंने चित्रकूट (मध्य प्रदेश) के जिस पालदेव गाँव को गोद लिया है वहां काफी कुछ सुधर रहा है। इससे पहले विश्वविद्यालय के लगभग तीन दर्जन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया व् डिग्रियां बांटी गईं। वहीँ विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा की वे विकलांगों को विशिष्ट कलाओं से युक्त मानते हैं और उनके उद्धार के लिए वे अपना पूरा जीवन समर्पित कर चुके हैं। गौरतलब है की जगद्गुरु रामभद्राचार्य एक प्रख्यात कथावाचक व् व्याकरण के मर्मज्ञ हैं और दृष्टिहीन होते हुए भी उन्हें कई ग्रन्थ मुह जबानी याद है उन्होंने 2002 में विकलांगों की सेवा के लिए एशिया का पहला विकलांग विश्वविद्यालय चित्रकूट में स्थापित किया था।