अब होगा “4 जी” रेडिएशन
चित्तौड़गढ़Published: Apr 17, 2015 01:07:00 am
“टू जी और थ्री जी” मोबाइल टावर्स
के रेडिएशन झेल रहे शहरवासियों को अब ज्यादा रेडिएशन से निपटने के लिए तैयार रहना
होगा। कारण है कि
चित्तौड़गढ़। “टू जी और थ्री जी” मोबाइल टावर्स के रेडिएशन झेल रहे शहरवासियों को अब ज्यादा रेडिएशन से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। कारण है कि निजी कंपपर ने यहां चित्तौड़गढ़ में “4 जी मोबाइल सेट-अप” लगाने की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। नगर परिषद की अनुमति से लाइन बिछाने के कार्य को अमलीजामा पहनाया जा चुका है। शेष कार्रवाई के बाद टावर्स शीघ्र ही अस्तित्व में आने को तैयार हैं। कड़वा सच यह भी है कि नगर परिषद यहां लगने वाले टावर्स की लोकेशन को लेकर अनभिज्ञ है। हालांकि परिषद प्रशासन नियम कायदों के तहत टावर्स लगाए जाने की दलीलें तो दे रहा है।
मोबाइल कंपनी ने 4 जी टावर के लिए जमीन में तारों का जाल बिछा दिया है। अब टावर्स का कार्य प्रक्रिया में है। कंपनी यहां शहरी इलाकों में करीब तीन दर्जन इलाकों मे टावर लगाने की तैयारी है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की ओर से घनी आबादी, स्कूल, अस्पताल के आसपास मोबाइल टावर लगाने की रोक लगा रखी है। इसके बावजूद यहां पर आदेशों की पालना को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
यह भी नुकसान
सलाहकारों के अनुसार टावर से नॉन आयनइजिंग रेडिएशन (माइक्रोवेव) निकलता है, जो कान, दिमाग, त्वचा व अन्य अंगों को प्रभावित करता है। रेडिएशन का सर्वाधिक असर अच्चों के शरीर और दिमाग पर पड़ता है।
लाइन बिछाने की दी अनुमति
शहर में रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड की ओर से टावर लगाने से पहले शहरी सीमा के सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रां में केबल बिछाने के लिए अनुमति जारी कर रखी है। नगर परिषद के अनुसार टावर्स लगाने के लिए उनकी ओर से अनुमति देना अभी शेष है। परिषद नियमानुसार प्रक्रिया पूरी कर आने वाले दिनों में शहर सीमा में टावर्स लगाने की अनुमति जारी की जाएगी। परिषद के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि संबंधित टावर लगाए जाने एवं अनुमति जारी करने के लिए उन्हें सरकारी आदेश भी मिले हुए हैं। इस संबंध में नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
नियम अनुसार अनुमति
मेरे कार्यकाल से पहले शहरी सीमा में मोबाइल केबल लाइन बिछाने की अनुमति दी गई थी। आयुक्त के अनुसार टावर्स लगाने एवं स्थानों के चयन को लेकर अभी अनुमति जारी नहीं हुई है। हम नियम-कायदों के तहत ही आगे की कार्रवाई करेंगे।
सुशील शर्मा, नगर सभापति, चित्तौड़गढ़ नगर परिषद
रेडिएशन का गहराता संकट
तकनीकी जानकारों की मानें तो एक मोबाइल टावर की रेडिएशन का क्षेत्र 300 मीटर तक होता है। यहां टावर पर लगे हुए बूस्टरों से ही रेडिएशन फैलता है। शरीर के लिए सामान्य तौर पर 1.6 वॉट प्रति किलोग्राम रेडिएशन रखा गया है। मोबाइल टावरों में विद्युत चुंबकीय तरंगे होती हैं। इनकी आवृति कम होती है। लेकिन, इनमें ऊर्जा कई गुना अधिक होती है।