चूरू। आने वाले दिनों में शहर में
रेडिएशन का खतरा और बढ़ने वाला है। कुछ दिनों के अंदर शहर में फोर जी के चार टावर
चलने वाले हैं। नगर परिषद ने इसकी स्वीकृति जारी कर दी है। टावर लगाने का कार्य
शुरू भी हो गया है।
शहर में पहले से विभिन्न कम्पनियों के करीब 40 टावर
लगें हैं। इनसे निकल रही विकिरण लोगों को तरह-तरह की बीमारियां बांट रही है। यह
विकिरण टावर के तीन सौ मीटर के क्षेत्र में अधिक नुकसान पहुंचा रही है। कई टावर
स्कूल, कालेज व घनी आबादी में लगाए गए हैं,जबकि ऎसे स्थानों पर टावर लगाने पर रोक
है। शहर में कुछ स्थान हैं जहां पर दो से चार टावर एक ही स्थान पर लगे हैं। यहां पर
रेडिएशन लेवल बहुत अधिक है।
8 की मांगी थी स्वीकृति
शहर में फोर जी टावर
लगाने वाली कम्पनी ने नगर परिषद से आठ टावरों की मंजूरी मांगी थी। लेकिन नगर परिषद
ने चार स्थानों पर टावर लगाने की मंजूरी दी है। चार को निरस्त कर दिया।
एक टावर
धर्म स्तूप व दूसरा अग्रसेन नगर कॉलोनी में लगाया जा रहा है। तीसरा वार्ड 36 स्थित
इंदिरा कॉलोनी व चौथाटावर आरके होंडा एजेंसी के पास लगाया जा रहा है। सभी टावर शहर
की घनी आबादी क्षेत्र में लगाए जा रहे हैं। कई जगह कार्य पूरा भी हो गया है।
तीन सौ मीटर में अधिक खतरा
जानकारी के मुताबिक एक मोबाइल टावर का रेडिएशन
करीब 300 मीटर के क्षेत्र में फैला होता है।टावर पर कम्पनियों के कई बूस्टर लगे
होते हैं। इन्हीं बूस्टरों से रेडिएशन बनता है। शरीर के लिए सामान्य रूप में 1.6
वॉट प्रति किलोग्राम रखा गया है।लेकिन वर्तमान समय में कई गुना अधिक है।
रेडिएशन से होने वाली बीमारियां
राजकीय डेडराज भरतीया चिकित्सालय के
वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डा. बीएल नायक ने बताया कि टावर व मोबाइल से आयनाइजिंग
रेडिएशन (माइक्रोवेब) निकलता है। इससे चिढ़चिढ़ापन, कान में दर्द, आंखों पर
दुष्प्रभाव, रात को नीद नहीं आना, डिप्रेशन, कैंसर जैसी बीमारियां होने की आशंका
अधिक रहती है। गर्भवती महिलाओं व बच्चों पर अधिक दुष्प्रभाव पड़ता है। मोबाइल को
जेब में रखना हार्ट के लिए नुकसानदायक होता है।
क्या है रेडिएशन
रेडिएशन
का मतलब है कि विकिरण का फैलाव, जो विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलती है।
मोबाइल टावरों में विद्युत चुंबकीय तरंग होती हैं। इनकी आवृत्ति कम होती है। लेकिन
उनमें ऊर्जा कई गुना अधिक होती है जो नुकसान पहुंचाती है।
इस तरह करें
बचाव
मोबाइल पर लगातार अधिक समय तक बात नहीं करें। सोते समय बोबाइल को तीन फीट
की दूरी पर रखें। मोबाइल को अधिक समय तक जेब में रखने से बचे। जहां पर मोबाइल टावर
लगें हों वहां आस-पास छत पर नहीं रहें। गर्भवती महिलाओं व बच्चों को मोबाइल व
रेडिएशन वाले क्षेत्रों से दूर रखें।
लगाने के मानक
घनी आबादी, स्कूल,
चिकित्सालय के पास मोबाइल टावर लगाने पर रोक है। टावर लगाने की ऊंचाई भी निर्धारित
की गई है। टावर पर रेडिएशन का खतरा बताने वाला निशान भी होना चाहिए।