कॉमर्शियल रियल्टी के आएंगे अच्छे दिन, रिटेल स्पेस की बढ़ेगी मांग
Published: Jun 30, 2016 01:11:00 pm
केंद्र सरकार से शॉप्स एंड एस्टैब्लिश्मैंट एक्ट को मंजूरी मिलने का फायदा कॉमर्शियल रियल एस्टेट को मिलेगा
आलोक सिंह
नई दिल्ली। केंद्र सरकार से शॉप्स एंड एस्टैब्लिश्मैंट एक्ट को मंजूरी मिलने का फायदा कॉमर्शियल रियल एस्टेट को मिलेगा। मॉल, रेस्टोरेंट, दुकानें और दूसरे व्यपारिक प्रतिष्ठान 2437 खुलने की छूट मिलने से देश-विदेश के नए प्लेयर्स
रिटेल सेक्टर में इंट्री करेंगे। इससे रिटेल स्पेस की मांग बढ़ने की पूरी उम्मीद है।
ये फैक्टर देंगे तेजी
1000 करोड़ का निवेश
जेएएल की रिपोर्ट के अनुसार 2016 के पहले पांच महीने में रिटेल रियल एस्टेट को करीब 1000 करो़ड़ रुपए का प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट मिला है। कई एक्सपर्ट के मुताबिक यह 2008 में ऑल टाइम हाई के आंकडो को पीछे छोड़ सकता है।
दूसरा सबसे आकर्षक बाजार
ग्लोबल रिटेल विकास सूचकांक रिपोर्ट 2016 के अनुसार भारत, वैश्विक खुदरा ब्रांडों के लिए दूसरा सबसे आकर्षक बाजार है। हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर और लिमिटेड क्वालिटी के रिटेल स्पेस इसकी राह में बाधा है। इसके बावजूद आने वाले
समय में रिटेल स्पेस की मांग बढ़नी तय है।
64 लाख करोड़ का होगा बाजार
रिसर्च फर्म केपीएमजी के अनुसार 2019 तक इंडिया का रिटेल कारोबार 64 लाख करोड़ रुपए अभी यह करीब 34 लाख करोड़ रुपए का है। आईबीएफ की रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक रिटेल मार्केट में संगठित रिटेल मार्केट की हिस्सेदरी 24 फीसदी होगी।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं
जेएलएल इंडिया के कंट्री हेड और चेयरमैन अनुज पुरी ने बताया कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में रिटेल सेक्टर का योगदान 15 फीसदी है। हाल ही में सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल सेक्टर के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)
नियमों में ढील दी है। इस फैसले के बाद विदेशी फर्निचर ब्रांड आइकिया और एप्पल भारत में अपना सिंगल ब्रांड स्टोर खोलने की तैयारी कर रही है। वहीं, रिटेल सेक्टर में प्राइवेट निवेश भी बढ़ेगा। इसका फायदा रिटेल रियल एस्टेट को
मिलेगा। रिटेल स्पेस की मांग बढ़ेगा। आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ेगा।