कानून में होगा संशोधन, पावर ऑफ अटॉर्नी वाली प्रॉपर्टी नहीं मानी जाएगी बेनामी
Published: Jul 22, 2016 01:07:00 pm
पत्नी और बच्चों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति के नाम पर हासिल की गई प्रॉपर्टी को बेनामी माना जाएगा
नई दिल्ली। पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हासिल की गई प्रॉपर्टी बेनामी न करार दी जाए, इसके लिए सरकार जल्द ही एक बिल में संशोधन का प्रस्ताव ला रही है। इस संशोधन से रियल एस्टेट के मामले में बहुत लोगों को राहत मिलेगी। दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि सरकार बेनामी ट्रांजेक्शंस (प्रोहिबिशन अमेंडमेंट) बिल, 2015 में बदलाव करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वैध खरीदारों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
एक अधिकारी ने कहा – पावर ऑफ अटॉर्नी को इससे बाहर रखने की योजना है ताकि एक बड़ी परेशानी खत्म हो सके। देश के कुछ हिस्सो में प्रॉपटी की खरीद-फरोख्त में यह एक लोकप्रिय चीज है। ड्राफ्ट लॉ का मकसद कथित बेनामी ट्रांजेक्शंस को निशो पर लेना है, जिनका इस्तेमाल असल मालिकाना हक को छिपाने में किया जाता है। इससे ब्लैक मनी को बढ़ावा मिलता है।
वहीं दूसरे अधिकारी ने बताया कि सरकार ऐसी शर्तें जोडऩे की योजना बना रही है, जिनसे नियमों में ढील का दुरुपयोग न हो सके। ऐसी शर्तों में पावर ऑफ अटॉर्नी का रजिस्ट्रेशन कराना और पावर ऑफ अटॉर्नी देने वाले को मिलने वाली रकम की रसीद दिखाना जरूरी करने जैसी बातें शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर बदलावों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार देर शाम मंजूरी दे दी थी।
इस बिल में बेनामी प्रॉपर्टी की जब्ती और कुर्की, जुमाना लगाने और सात साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है। बिल में प्रस्तावित किया गया है कि पत्नी और बच्चों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति के नाम पर हासिल की गई प्रॉपर्टी को बेनामी माना जाएगा और ऐसे मामले में कानून के कड़े प्रावधान लागू होंगे।