यह दुनिया का पहला कंप्यूटर है जो लगभग 2000 साल पुराना है तथा चर्चा का विषय बना हुआ है
नई दिल्ली। चर्चा का विषय बन चुके लगभग 2000 साल पुराने कंप्यूटर को वैज्ञानिकों ने डिकोड कर लिया है। शोधकर्ताओं ने इस कंप्यूटर से जुड़े कई रहस्यों को उजागर किया है। उनका कहना है कि यह कंप्यूटर ना केवल प्राचीन यूनानियों के लिए सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की चाल का चार्ट तैयार करने में मदद करता था, बल्कि भाविष्य बताने वाली मशीन के तौर पर भी यूज में लिया जाता था।
प्राचीन यूनान में होता था इस का इस्तेमाल
यह एक खगोलीय कैलकुलेटर यानी एक एंटीकाईथेरा सिस्टम है जो लगभग 2000 साल पुराना है। यह लगभग 60 ईसा पूर्व सौर और चंद्र ग्रहणों को ट्रैक करने के लिए प्राचीन यूनानियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक प्रणाली है। इस कंप्यूटर को 1901 में एंटीकाइथेरा के यूनानी द्वीप के जहाज से प्राप्त किया गया। वह जहाज पूरी तरह से तबाहा हो चुका था, लेकिन यह कंप्यूटर जीर्ण-क्षीर्ण अवस्था में बचा हुआ था। इसके बाद एक दशक लंबे अध्ययन के बाद अब इस कंप्यूटर को डिकोड कर लिया गया है।
वैज्ञानिकों ने खोला ये राज
शोधकर्ताओं ने सबसे पहले इस कंप्यूटर के आंतरिक तंत्र पर ध्यान केंद्रित किया था और उसका अध्ययन किया। अब इसकी बाहरी सतहों के शेष टुकड़े पर अध्ययन किया जा रहा है। इस कंप्यूटर के लिए अनुसंधान परियोजना टीम का हिस्सा रहे माइक एडमंड्स, वेल्स में कार्डिफ विश्वविद्यालय के खगोल भौतिकी के प्रोफेसर हैं ने कहा कि इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि यह मशीन ग्रहों के साथ ही आकाश में सूर्य और चांद की स्थिति दिखाने का काम करती है। इस एंटीकाईथेरा सिस्टम के बचे हुए टुकड़े अभी राष्ट्रीय पुरातत्व संग्रहालय एथेंस में संरक्षित रखे गए हैं।