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नया लैपटॉप लेने से पहले सावधान, साथ में आ रहा है खतरनाक वायरस

Published: Nov 30, 2015 04:15:00 pm

Submitted by:

Anil Kumar

एक कंपनी अपने लैपटॉप को मैलवेयर के साथ बेच रही है जो हैकर्स को उसें ट्रैक करने में मदद कर सकता है

virus in laptop

virus in laptop

नई दिल्ली। गौरतलब है कि इस साल की शुरूआत में खबर आई थी कि लेनोवो अपने लैपटॉप में कभी न हटाए जा सकने वाले क्रैपवेयर का यूज कर रहा है। अब ऐसी खबरें डेल के बारे में आ रही है, जिनमें कहा जा रहा है कि डेल कंपनी अपने लैपटॉप को सुपरफिश मैलवेयर के साथ बेच रही है जो हैकर्स को लैपटॉप ट्रैक करने में मदद कर सकता है।

सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर जो नॉर्ड ने लैपटॉप में ईडेरूट नाम का मेलवेयर सर्टिफिकेट ढूंढा है। यह मेलवेयर इतना खतरनाक है कि विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम से हटाने के बाद खुद से रिइंस्टॉल हो जाता है।

क्या है सुपरफिश
यह एक तरह का मेलवेयर है जिसे ऑपरेटिंग सिस्टम से डिलीट नहीं किया जा सकता। यह सिस्टम में सेल्फ डिजाइन्ड ट्रांसफर लेयर प्रोटोकॉल (TLS) की तरह किसी होस्ट के जरिए डाला जाता है। इसके जरिए अटैकर किसी यूजर के कंप्यूटर के सीजन कुकीज, सेव्ड पासवर्ड और संवेदनशील जानकारियां चुरा सकते हैं।

लैपटॉप में सुपरफिश है या नहीं ऐसे जानें
विंडोज के साथ ‘R’ की प्रेस करने पर आपको रन बॉक्स दिखेगा जिसमें आप (certmgr.msc) टाइप करके एंटर प्रेस करेंगे तो विंडोज में सर्टिफिकेट मैनेजर खुलेगा। यहां लेफ्ट साइड में (tursted root certificatior authority) फोल्डर को ओपन करके (certificate) पर क्लिक करना होगा तथा यहां आपको (search) सर्च होगा। इसके बाद आपको यह मिलता है तो इसे रिमूव करेंगे। लेकिन समय यह रिमूव तो हो जाएगा लेकिन फिर से इंस्टॉल हो जाएगा।

कौन कौनसे से लैपटॉप्स हैं ये मेलवेयर
रिसर्चर्स के मुताबिक ये सुपरफिश मेलवेयर डेल इन्सिपिरोन 5000 सीरीज, डेल एकसपीएस 15 और डेल एक्सपीएस 13 में पाया गया है।

जांच कर रही है कंपनी
इस इल्जाम के बाद डेल कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि इस मामले की छानबीन की जा रही हैंऔर इंस्टॉल्ड सर्टिफिकेट को जांच की जा रही है।

ऐसे बचें इस मेलवेयर से
इस सुपरफिश वाले लैपटॉप यूजर्स को फायरफॉक्स ब्राउजर यूज करने की सलाह दी गई है, क्योंकि दूसरे ब्राउजर के मुकाबले फायरफॉक्स ज्यादा सिक्योर है। इसमें किसी वेबसाइट में ट्रस्टेड सर्टिफिकेट ना होने पर आपको वार्निंग दी जाती है जिससे आप हैकिंग से बच सकते हैं।
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