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शेयर बाजार में अडानी ऊपर, अंबानी नीचे

Published: May 26, 2015 09:49:00 am

शेयरों में तेजी से जहां टाटा, अडानी, भारती, एचडीएफसी और सन
ग्रुप जैसे उद्योग घरानों को भारी लाभ हुआ

Ambani adani

Ambani adani

मुंबई। केंद्र में मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के साथ स्थानीय शेयर बाजारों में निवेशकों का धन 10 लाख करोड़ रूपए से अधिक बढ़ चुका है। शेयरों में तेजी से जहां टाटा, अडानी, भारती, एचडीएफसी और सन ग्रुप जैसे उद्योग घरानों को भारी लाभ हुआ वहीं दूसरी ओर दोनों अंबानी बंधुओं के समूहों, वेदांता, आईटीसी और एलएंडटी समूह की बाजार हैसियत में गिरावट आई।

2950 अंक का उछाल: हाल के महीनों में शेयर बाजारों में तेज गिरावट के बावजूद बाजार मोदी सरकार के पहले एक साल की अवधि में करीब 12 प्रतिशत का लाभ हासिल करने में सफल रहे। इस अवधि में सेंसेक्स 2,950 अंक मजबूत हुआ जिससे सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 10 लाख करोड़ रूपए से अधिक बढ़कर 1,02,52,461 करोड़ रूपए रहा। इस साल की शुरूआत में सेंसेक्स 30,000 के स्तर को छू गया था, लेकिन इसके बाद बाजार में आई तेज गिरावट से यह 27,643 अंक पर आ गया।

टाटा ने बाजी मारी
टाटा समूह की कंपनियों का बाजार मूल्य 1.10 लाख करोड़ रूपए बढ़ा। इसी तरह, एचडीएफसी और सन ग्रुप के बाजार मूल्य में एक-एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।

अडानी ने दिखाया दम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी ग्रुप ने पिछले एक साल में अपनी नेटवर्थ में 50 हजार करोड़ रूपए जोड़े हैं।

इन्हें हुआ घाटा
मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह का शेयर बाजार के हिसाब मूल्य करीब 80,000 करोड़ रूपए घटकर 2,90,000 करोड़ रूपए रह गया, जिसकी मुख्य वजह आरआईएल के शेयर में करीब 20 प्रतिशत की गिरावट आना है। अनिल अंबानी समूह के बाजार मूल्य में भी करीब 50,000 करोड़ रूपए की गिरावट आई। वेदांता समूह का बाजार मूल्य 20,000 करोड़ रूपए से अधिक घट गया।

इन्हें भी लाभ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में राजग सरकार ने 26 मई, 2014 को सत्ता संभाली थी। इस दौरान, अपने बाजार पूंजीकरण में बढ़त हासिल करने वाले अन्य प्रमुख समूहों में बिड़ला, महिंद्रा, आईसीआईसीआई, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल शामिल हैं।

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