नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद 40 दिनों में 2 करोड़ से अधिक नए बैंक खाते खुले और इन खातों में 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हुए। वित्तीय खुफिया इकाई के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इसमें बताया गया है कि 15 नवंबर से 25 दिसंबर के बीच 2.10 करोड़ नए बैंक खाते खुले और इनमें 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रकम जमा की गई। ३ लाख करोड़ रुपए में 50,000 करोड़ रुपए का कैश डिपॉजिट, जबकि 3 लाख करोड़ रुपए के चेक और ड्राफ्ट के जरिए जमा किए गए।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने वित्तीय खुफिया इकाई से ये आंकड़े इसलिए मांगे थे, ताकि नोटबंदी के असर को सही तरीके से समझा जा सके। सरकार का लगातार दावा है कि बंद हुए नोटों का बड़ा हिस्सा अगर बैंकिंग सिस्टम में आया है तो यह स्कीम के असफल होने की निशानी नहीं है। बल्कि सरकार कर दाताओं का दायरा बढ़ाना चाहती है और नोटबंदी से यह मकसद हासिल होता दिख रहा है।
सूत्रों ने बताया कि जितना पैसा बैंकों में आया है, वह सामान्य हालत में पांच साल में भी नहीं आता। जन धन योजना की शुरुआत के बाद दो साल में 20 करोड़ बैंक खाते खुले थे, लेकिन बिना किसी कोशिश के नोटबंदी के चलते ४० दिनों में ही तीन करोड़ नए खाते खुल गए। नोटबंदी के बाद कालाधन रखने वालों के पास दो रास्ते थे। पहला तो वे इससे सोना खरीदते और दूसरा उन्हें अमान्य ठहराए गए नोटों को खत्म करना पड़ता। हालांकि जिस तरह से इस समय बैंक खातों की जांच हो रही है, उससे टैक्स चोरों को पकडऩे में मदद मिल सकती है।
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