नई दिल्ली. जून तिमाही में देश की दो सबसे बड़ी आईटी कंपनियां टीसीएस और इंफोसिस के खराब नतीजों ने इस सेक्टर की चिंता और बढ़ा दी है। दरअसल आईटी इंडस्ट्री में पिछले कुछ महीनों से छटंनी के बादल मंडरा रहे थे, जिसके चलते इस इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई थी। हालांकि सरकार ने दावा किया था कि आईटी सेक्टर में सब पहले की तरह समान्य हो जाएगा। लेकिन इन दो कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद के मुताबिक नही रहने के कारण आईटी इंडस्ट्री में आने वाले समय में नियुक्तियों की रफ्तार और सैलरी ग्रोथ धीमी होने का की आशंका बन गई है। आंकड़ों के मुताबिक ये दो कंपनियां मिलकर करीब 6 लाख नई नौकरियां पैदा करती है। लेकिन मार्च तिमाही के मुकाबले जून तिमाही में नई नौकरियों की रफ्तार में कमी दर्ज की गई है। मार्च अंत तक इन दोनों कंपनियों ने करीब 5,87,587 लोगों को रोजगार दिया था, जो जून अंत घटकर 5,84,362 पर आ गया। वहीं केवल सॉफ्टवेयर स्पेस में नौकरियों की बात करें तो एक तिमाही में करीब 2 लाख नौकरियां घटी हैं। हालांकि सालाना आधार पर आंकड़ों में बहुत बदलाव नहीं दर्ज किया गया।
7 तिमाही में सबसे कमजोर प्रदर्शन
टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज यानी टीसीएस ने जून तिमाही में केवल 11,202 कर्मचारियों को रोजगार दिया है। जबकि मार्च तिमाही में कंपनी ने 20,093 नये रोजगार मुहैया कराए थे। नई नौकरियों के मामले में जून का प्रदर्शन टीसीएस के लिए 7
तिमाही में सबसे कमजोर रहा है।
तिमाही प्रदर्शन नये कर्मचारी
वित्त वर्ष 18 पहली तिमाही 11,202
वित्त वर्ष 17 चौथी तिमाही 20,093
वित्त वर्ष 17 तीसरी तिमाही 18,000
वित्त वर्ष 17 दूसरी तिमाही 24,000
वित्त वर्ष 17 पहली तिमाही 17,000
वित्त वर्ष 16 चौथी तिमाही 24,855
वित्त वर्ष 16 तीसरी तिमाही 24,000
रोजगार ग्रोथ में 4 गुना की कमी
आईटी और आईटीएस में रोजगार ग्रोथ की बात करें तो वित्त वर्ष 2004 के मुकाबले वित्त वर्ष 2017 में 4 गुना से ज्यादा की कमी दर्ड की गई है। 2004 में आईटी और आईटीएस इंडस्ट्री अपने पीक पर था और इस साल करीब 40 लाख लोगों को रोजगार मिला था, जो 2017 में घटकर 10 लाख पर आ चुका है।
वित्त वर्ष रोजगार की संख्या
2004 40 लाख
2017 10 लाख
क्यों घट सकते हैं रोजगार के मौके
आईटी और आईटीएस इंडस्ट्री के नई टेक्नॉलिजी में ढलने की तैयारी में कमी के कारण आने वाले समय में रोजगार में कमी देखी जा सकती है। एक्जिक्युटिव फर्म हेड हंटर्स इंडिया के मुताबिक आने वाले तीन साल में इस सेक्टर में करीब 1.75 से 2 लाख नौकरियों की कमी देखी जा सकती है। वहीं मैकेंजी एंड कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले तीन से चार साल के अंदर आईटी इंडस्ट्री में काम करने लोग इंडस्ट्री के लिहाज से विसंगत साबित हो सकते हैं।
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