सिस्को सिस्टम जल्द ही करीब 14000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी जो कि कंपनी के ग्लोबल वर्क फोर्स का लगभग 20 फीसदी है।
नई दिल्ली। एक टेक्नोलॉजी न्यूजसाइट सीआरएन ने सिस्को से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है कि नेटवर्क उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनी सिस्को सिस्टम जल्द ही करीब 14000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी जो कि कंपनी के ग्लोबल वर्क फोर्स का लगभग 20 फीसदी है।
खबरों की माने तो कैलिफोर्निया के सैन जोस की कंपनी सिस्को आगामी कुछ हफ्तों में छंटनी की घोषणा कर सकती है। इसकी वजह कंपनी का खुद को हार्डवेयर से सॉफ्टवेयर सेंट्रिकऑर्गनाइजेशन में तब्दील करना बताया जा रहा है। इस साल छंटनी का ऐलान करने वाली सिस्को दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी है। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट और एचपी इंक भी छंटनी का ऐलान कर चुकी हैं।
सिस्को को सॉफ्टवेयर डिफाइंड फ्यूचर के लिए अलग स्किल वाले सेट्स की ज्यादा जरूरत है, क्योंकि कंपनी लगातार अपना मार्केट शेयर और मार्जिन बढ़ाने की स्ट्रैटजी पर काम कर रही है। सिस्को लगातार अपने डाटा सेंटर्स के लिए डाटा एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर और क्लाउड बेस्ड टूल्स जैसे नए प्रोडक्ट्स में इन्वेस्ट कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, सिस्को पहले ही वर्कर्स को जल्दी रिटायरमेंट के पैकेज की पेशकश कर चुकी है।
सिस्को का सालाना रेवेन्यू लगभग 49 अरब डॉलर (करीब 3.30 लाख करोड़ रुपए) है। सिस्को की इस छंटनी का असर भारत पर भी पडऩे की आशंका है, क्योंकि यहां कंपनी का ऑपरेशन काफी बड़ा है। 1995 में भारत में ऑपरेशन शुरू करने वाली सिस्को के यहां सात रीजन में सेल्स ऑफिस हैं। सिस्को का बेंगलुरु स्थित ग्लोबल डेवलपमेंट सेंटर अमेरिका के बाद उसका दूसरा बड़ा सेंटर है। सिस्को की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, उसके कुल 71,833 वर्कर्स हैं। अमेरिका में इनकी संख्या 36,222 है।
इस साल छंटनी का एलान करने वाली सिस्को दुनिया की तीसरी बड़ी कंपनी है। इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट और एचपी इंक भी जॉब कट का एलान कर चुकी है। माइक्रोसॉफ्ट ने जुलाई में कहा था कि कंपनी अगले 12 महीने में 2,850 जॉब्स खत्म करेगी, जिसे आगे बढ़ाकर 4,700 तक ले जाने की योजना है। यह छंटनी उसकी कुल वर्कफोर्स के 4 फीसदी के बराबर है। फरवरी में एचपी इंक ने कहा था कि वह 2016 के आखिर तक 3,000 जॉब्स कट करेगी।