मनी लॉन्ड्रिंग में जिग्नेश शाह गिरफ्तार
Published: Jul 14, 2016 10:30:00 am
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि जिग्नेश शाह को जांच में सहयोग नहीं करने के चलते गिरफ्तार किया है
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 5,600 करोड़ रुपए के नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में एफटीआईएल के संस्थापक जिग्नेश शाह को गिरफ्तार कर लिया। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि शाह को जांच में सहयोग नहीं करने के चलते गिरफ्तार किया है। ईडी आगे की कार्रवाई के लिए शाह से पूछताछ करना चाहती है।
शाह की पहली गिरफ्तारी मई 2014 की गई थी। स्कैम में फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीस के प्रमोटर जिग्नेश शाह को सबसे पहले 7 मई 2014 मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया गया था। इस स्कैम के बाद फ्यूचर मार्केट कमीशन ने एक्सचेंजों में शेयर रखने के नियम सख्त कर दिए थे।
शाह को 18 जुलाई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। 2013 में एनएसईएल घोटाला का मामला सामने आया था। यह घोटाला 5600 करोड़ रुपए का था और इसमें 13,000 निवेशकों का पैसा डूबा था। एनएसईएल निवेशकों को कमोडिटी कॉन्ट्रैक्ट का भुगतान नहीं कर पाया था। ईडी ने एनएसईएल घोटाले में अबतक 600 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है और 67 के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
ईडी के वकील हितेन गांओंकर ने कोर्ट में कहा कि ईडी द्वारा की गई जांच में ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिनसे जिग्नेश शाह के भी मनी लॉन्ड्रींग में लिप्त होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि इन तथ्यों की पुष्टि के लिए शाह को 8 दिन के लिए ईडी की कस्टडी रिमांड में भेजा जाए। जबकि शाह के वकील अबाद पोंदा ने ईडी के आरोपों को निराधार बताते हुए तर्क दिया कि शाह से पहले भी इस बारे में पूछताछ हो चुकी है। वह इस मामले में 100 दिन जेल में भी रह चुके हैं जबकि उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला। इसके बाद उन्हें हाईकोर्ट से जमानत दे दी गई थी। अंत में दोनों पक्षों के तर्क सुन कर कोर्ट ने शाह को 5 दिन के लिए ईडी की कस्टडी रिमांड में भेजने के आदेश दे दिए।