बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने बताया कि इसके द्वारा ग्राहकों का काम जल्दी हो जाएगा और साथ ही गलती होने की संभावना न के बराबर रहेगी।
नई दिल्ली। भारत में पहली बार बैंक ट्रांजेक्शन्स के लिए सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स का प्रयोग किया जाएगा। आईसीआईसीआई बैंक ने अपनी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स को लांच किया है। बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर ने बताया कि इसके द्वारा ग्राहकों का काम जल्दी हो जाएगा और साथ ही गलती होने की संभावना न के बराबर रहेगी। इससे लोगों को काफी सुविधा हो जाएगी। हालांकि, चंदा कोचर ने ये भी साफ कर दिया है कि सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स के आने से बैंक लोगों की हायरिंग बंद नहीं करेगा। भविष्य में जरुरत के मुताबिक हायरिंग की जाएगी।
आईसीआईसीआई बैंक ने कई ऑपरेशंस में मशीनों और कोड्स का इस्तेमाल करने के लिए ऑटोमेशन ड्राइव शुरू कर दी है। बैंक 17 मार्च 2017 तक पूरे नॉन डिजिटल प्रोसेस में ऐसे ट्रांजैक्शंस का शेयर बढ़ाकर 20 फीसदी तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है। कोचर ने रिपोर्टर्स से बातचीत में कहा कि हम पहले डॉमेस्टिक और कुछ ग्लोबल बैंकों में से एक हैं, जिसने अपने ऑपरेशन में सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स को लागू किया है। हम पहले से ही 200 प्रोसेसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनकी कुल ट्रांजैक्शंस में 10 फीसदी हिस्सेदारी है।
उन्होंने कहा कि बैंक ने करंट फाइनेंशियल ईयर के अंत तक इन प्रोसेस की संख्या 500 तक बढ़ाने और कुल 20 फीसदी नॉन डिजिटल ट्रांजैक्शन को ऑटोमेशन पर लाने का टारगेट तय किया है। चंदा कोचर ने बताया कि सॉफ्टवेयर रोबोटिक्स को बैंक की आंतरिक टीम और बाह्य वेंडर्स ने मिलकर तैयार किया है। प्राप्त खबरों की मानें तो इसे सिर्फ रिटेल बैंकिंग, एग्रो बिजनेस, ट्रेड और फॉरेक्स, ट्रेजरी और एचआर फंक्शंस में पेश किया गया है। इसका इस्तेमाल फिलहाल हाई वॉल्यूम, टीडीएस फाइलिंग जैसे कामों के लिए किया जा रहा है।