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खुदरा कारोबार में एफडीआई खत्म करने जुटी सरकार

Published: May 24, 2015 02:17:00 pm

केंद्र सरकार छोटे
व्यापारियों का रूख भांपते हुए खुदरा बाजार में एफडीआई खत्म करने में जुट गई
है

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नई दिल्ली। बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)की अधिसूचना फिर से जारी होने से मचे कोहराम से केंद्र सरकार छोटे व्यापारियों का रूख भांपते हुए खुदरा बाजार में ए फडीआई खत्म करने में जुट गई है। औद्योगिक नीति एवं विकास विभाग ने पिछले दिनों में बहु ब्रांड खुदरा कारोगार में 51 प्रतिशत एफडीआई का प्रावधान करने वाली अधिसूचना एक बार फिर जारी कर दी जिस पर देशभर के छोटे व्यापारियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की और सड़क पर उतरने की चेतावनी दी।

इसके बाद भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी सरकार बचाव की मुद्रा में आ गई और सरकार तथा पार्टी स्तर पर बयान जारी किए गए। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि खुदरा कारोबार में एफ डीआई का अनुमति दी जाएगी। एफडीआई के संंबंध में भाजपा का कहना है कि बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई नहीं होना चाहिए। पार्टी के अनुसार एफडीआई की अनुमति केवल उन्हीं क्षेत्रों में देनी च ाहिए जहां जरूरत है और जहां इससे रोजगार का सृजन होता हो और आधारभूत ढांचे का निर्माण होने के साथ साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मिलती हो।

अधिसूचना जारी होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति पर भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने रूख पर कायम है, लेकिन मौजूदा सरकार पिछली सरकार की नीति पर ही चल रही है। उन्होंने कहा कि बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई के मुद्दे पर भाजपा का रूख जग जाहिर है और इसमें कोई बदलाव नहीं आया है। केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों पर ही चल रही है।

इस बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अधिसूचना को वापस लेने पर विचार करने का आश्वासन देते हुए कहा है कि ई. कामर्स को पिछले रास्ते से खुदरा कारोबार में एफडीआई लाने का माध्यम नहीं बनने दिया जाएगा। देश में सुपर मार्केट खोलने के संबंध में एफडीआई का कोई भी प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “मैं इसे वापस मंत्रिमंडल में रखूंगी और कहूंगी कि यह प्रस्ताव खारिज किया जाना चाहिए। हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि ई-कामर्स बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई का रास्ता नहीं बनने पाए।”

उधर अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ ने बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) पर सरकार के फिर से विचार करने के बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि भारतीय खुदरा बाजार बेहद अव्यवस्थित है और इसके समुचित विकास के लिए इसे व्यवस्थित करते हुए विकसित किया जाना चाहिए। परिसंघ ने सीतारमण को एक पत्र में कहा है कि खुदरा कारोबार व्यवस्थित करने के लिए राष्ट्रीय व्यापार नीति, ई कॉमर्स व्यापार के लिए स्थापित नियम एवं कानून, डायरेक्ट सेलिंग के लिए निश्चित नियम एवं कानून तथा खुदरा व्यापार से जुड़े सभी कानूनों की समीक्षा करना बेहद जरूरी है। परिसं घ के महामंत्री प्रवीन खण्डेलवाल ने कहा कि बहु ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई का कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं करने के बयान से व्यापारियों का मोदी सरकार में भरोसा बढ़ा है।
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