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जासूसी में लिप्त मिलीं तो नहीं मिलेगा चीनी कंपनियों को लाइसेंस

Published: May 22, 2015 09:32:00 am

योजना है कि कम्पनियों के लिए यह वैधानिक बनाया जाएगा कि वे अधिक
से अधिक भारतीयों को नौकरी दें

PM Modi China Visit

PM Modi China Visit

नई दिल्ली। चीन से विनिवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई एफडीआई नीति को अंतिम रूप दे दिया है। इस नीति में प्रावधान होगा कि यदि कोई कम्पनी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों अथवा जासूसी में लिप्त पाई जाती है तो उसका लाइसेंस तुरन्त निरस्त कर दिया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार सरकार यह भी योजना बना रही है कि कम्पनियों के लिए यह वैधानिक बनाया जाएगा कि वे अधिक से अधिक भारतीयों को नौकरी दें। यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि चीनी कम्पनियां सीमा के निकट अथवा संवेदनशील इलाकों में अपनी फैक्ट्रियां स्थापित न करें।

उल्लेखनीय है कि हाल की चीन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ढांचागत, निर्माण, टेलीकम्युनिकेशन समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए चीन को आमंत्रित किया था। सुरक्षा एजेंसियों ने चीनी कम्पनियों की भारत में मौजूदगी होने पर सुरक्षा सम्बंधी चिंताएं व्यक्त की थीं। ऎसे में सरकार ने नई नीति में इन सब मुद्दों को शामिल करने का निश्चय किया। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

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