अब कंपनियों की बोर्ड मीटिंग पर सरकार की नजर
Published: Apr 28, 2015 09:38:00 am
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संचालक अब अपनी कंपनियों की आम और बोर्ड बैठक में खानापूर्ति नहीं कर सकेंगे और न
ही मनमर्जी से फैसले ले सकेंगे
नई दिल्ली। कंपनी संचालक अब अपनी कंपनियों की आम और बोर्ड बैठक में खानापूर्ति नहीं कर सकेंगे और न ही मनमर्जी से फैसले ले सकेंगे। एक जुलाई से कंपनियों में सचिव स्तरीय मानक (सेक्रेटेरियल स्टैंडर्ड) का पालन अनिवार्य होने जा रहा है। इसके लिए कॉर्पोरेट मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है।
सेक्रेटेरियल स्टैण्डर्ड का पालन नहीं होने पर कंपनियों पर पांच हजार से लेकर 25 लाख रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। देश भर में करीब 8 लाख और राजस्थान में 60 हजार कंपनियां कार्यरत हैं, जिन पर यह नियम लागू किया गया है। मंत्रालय ने इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) की ओर से बनाए गए सेक्रेटरियल स्टैण्डर्ड के नियमों को अक्षरश: मान लिया है। इस दायरे में एक व्यक्ति वाली कंपनियां नहीं आती हैं।
मेक इन इंडिया को मिलेगा बल
विशेषज्ञों के मुताबिक केन्द्र सरकार ने कंपनियों में सेक्रेटेरियल स्टैण्डर्ड का पालन अनिवार्य उस समय किया है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मेक इन इंडिया अभियान चल रहा है। सेक्रेटेरियल स्टैण्डर्ड निवेशकों खासकर फंड मैनेजरों और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेंगे। विदेशी निवेशक कंपनियों में सुशासन और व्यवस्थित कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। इन नए मानकों का पालन करने से भारत में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा। नई परियोजनाएं और आधुनिकीकरण का मार्ग प्रशस्त होगा।
ऎसे करना होगा काम
– नए सेक्रेटरियल स्टैण्डर्ड के अनुसार कम्पनियों की बोर्ड या आम बैठक में अब कोरम बैठक की शुरूआत के समय नहीं बल्कि बैठक की पूरी अवधि के दौरान मौजूद सदस्यों के आधार पर निर्घारित होगा। पूरी बैठक के दौरान पूरा कोरम पाए जाने पर ही बैठक के निर्णय संवैधानिक माने जाएंगे।
– किसी भी प्रकार के निर्णय की पुष्टि के लिए बोर्ड या आम बैठक बुलाना जरूरी रहेगा। इसमें खानापूर्ति करने पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान रखा गया है।
– बैठक में एक एजेण्डा की पालना करना अनिवार्य होगा। बिना एजेंडा की बैठक नए नियमों के खिलाफ मानी जाएगी। इसके अलावा बैठक में पारित प्रस्तावों का विवरण निदेशकों के हस्ताक्षर के बाद ही जारी किया जाना चाहिए।
सेकेट्री पर जिम्मेदारी
कंपनियों की बोर्ड बैठक या आम बैठक में सेक्रेटेरियल स्टैण्डर्ड की पालना हुई या नहीं, इसकी जिम्मेदारी कंपनी सेके्रटरी की है। इसे कंपनी एक्ट, 2013 में स्प्ष्ट किया गया है। अब नए नियमों में भी इसकी जिम्मेदारी कंपनी सेक्रेटरी पर ही है।
विश्व में पहली बार
आईसीएसआई ने विश्व में पहली बार कंपनियों के लिए सचिव स्तरीय मानक बनाए हैं, जो केन्द्र सरकार के कॉर्पोरेट मंत्रालय ने मान भी लिए हैं। इससे विदेशों का निवेश भारत में और बढ़ेगा। खासकर मेक इन इंडिया अभियान में और चमक आएगी।
– श्याम अग्रवाल, काउंसिल मेम्बर, इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेके्रटरीज ऑफ इंडिया