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Part-II : फोन से भी की जाती है ठगी, रहें सावधान

Published: Apr 26, 2015 09:29:00 am

ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के बाद
अब पढ़ें कैसे होता है फोन के जरिए धोखा और इससे कैसे बचें

Phone fraud

Phone fraud

पिछली पोस्ट में आपने यह जाना कि कैसे होता है ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, इस पार्ट में पढ़ें कैसे किया जाता है फोन कॉल से फ्रॉड। यहां दिए गए केस आपको सिर्फ अवेयर करने के लिए हैं। आपको अलर्ट कि या जा रहा है कि यदि आपके पास इस तरह की कॉल आती हैं, तो उसे तवज्जो न दें। दरअसल इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले लोग बात करने में माहिर होते हैं। जो लोग ज्यादा टेक्नो फ्रेंडली या बैंक की ओर से की जाने वाली पूछताछ प्रक्रिया से वाकिफ नहीं होते, वे ही साइबर क्राइम के शिकार बनते हैं। गौरतलब है कि ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की तादाद में तेजी से इजाफा हो रहा है, लेकिन इसी के साथ ऑनलाइन ठगी से भी लोग बच नहीं पा रहे हैं। हर माह एक-दो घटनाएं ऎसी हो रही हैं, जिनमें ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर धोखाधड़ी कर ली जाती है।

यह भी पढ़ें – Part-I – ऑनलाइन शॉपिंग में इस तरह होता है आपके साथ फ्रॉड

ऎसे होती है धोखाधड़ी

फिशिंग स्कैम: ऑनलाइन शॉपिंग में फिशिंग सबसे बड़ा धोखा है। इसमें धोखाधड़ी करने वाले लोग ईमेल या संदेश भेजकर ऎसे लिंक पर क्लिक करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जो गैर अधिकारिक वेबसाइट पर ले जाता है। आप किसी भरोसेमंद वेबसाइट से कुछ सामान ऑर्डर करते हैं और कुछ देर बाद ईमेल मिलता है कि आपके ऑर्डर में कुछ दिक्कत है, दोबारा ऑर्डर करें। इस संदेश में वेबसाइट का लोगो, ईमेल पता, यहां तक कि तस्वीरें, सब वास्तविक लग सकती हैं, इसलिए क्लिक करने से बचें।

केस-1

दिल्ली में इंजीनियरिंग स्टूडेंट सतीश कुमार के मोबाइल पर सस्ते ऑफर का झांसा देने वाली कॉल आई। कॉल करने वाले ने क्रेडिट कार्ड का विवरण मांगा। दो-तीन दिन बाद उनके अकाउंट से 14 हजार 994 रू पए निकल गए, जबकि मनीष्ा ने कोई शॉपिंग ही नहीं की थी।

केस-2

मुंबई के रहने वाले राहुल शर्मा के क्रेडिट कार्ड से किसी ने ऑनलाइन शॉपिंग कर ली और उन्हें पता ही नहीं चला। उनके अकाउंट से 12 हजार 500 रूपए की शॉपिंग का मामला सामने आया।

केस-3

पुणे निवासी अनीता द्विवेदी के साथ भी ऎसा ही कुछ हुआ। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उनका अकाउंट है। एक दिन उनके पास किसी महिला का कॉल आया कि बैंक खातों को रीफ्रेश कर रही हैं, जिसके तहत आपको अपने डेबिट कार्ड को रेन्यू करवाना होगा और आज इसकी लास्ट डेट है। यदि आप ऎसा नहीं करेंगे, तो आपका कार्ड ब्लॉक हो जाएगा। उसकी मीठी-मीठी बातों में आकर उन्होंने कार्ड का पासबर्ड बता दिया। कुछ ही सैकंड्स में उनके फोन में 20 हजार की शॉपिंग का मैसेज आ गया।

एक लाख करोड़ का बाजार

देश में मार्च 2014 में ई-टेलिंग को मिलाकर ई-कॉमर्स का बाजार 81,525 करोड़ रूपए का रहा। ई-कॉमर्स के बाजार में सबसे बड़ा हिस्सा ट्रैवल्स का है, जो लगभग 61 फीसदी है। इस क्षेत्र में 33 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है। इस साल के आखिर तक यह बाजार एक लाख करोड़ का हो जाएगा।

ऎसे रहें अलर्ट

– कभी भी अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन जैसे अकाउंट नंबर, कार्ड नंबर, सीसीएन नंबर, वन टाइम पासवर्ड, एक्सपाइरी डेट किसी से भी शेयर ना करें।
– यह बेहतर ढंग से जान लें कि कोई भी बैंकिंग या फाइनेंशियल संस्थान मेल या फोन से अकाउंट इंफॉर्मेशन नहीं मांगती।
– आपके एटीएम कार्ड पर मौजूद सीसीवी नंबर को मिटा दें, उसे याद रखें। ये नंबर ऑनलाइन बैंकिंग या ई-कॉमर्स एक्टिविटी में काम आता है।
– कई लोग ज्यादा एटीएम, क्रेडिट कार्ड रखना स्टेटस सिंबल मानते हैं और उनके पिन नंबर याद रखने के लिए उसे कार्ड पर ही लिख लेते हैं। एटीएम खोने की स्थिति में यह बहुत हानिकारक साबित हो सकता है।
– क्रेडिट कार्ड या एटीएम पर स्थित वाइट स्ट्रीप पर अपने साइन जरूर करें। किसी भी स्थिति में वेंडर को सीधे अपना कार्ड ना दें। स्वयं साथ जाएं और अपना ट्रांजिक्शन पूरा करें।
– साइबर कैफे में यदि आप किसी जॉब या एग्जाम के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने जा रहे हैं, तो फॉर्म खुद भरें। अमूमन यूथ ऎसा नहीं करते। इससे धोखाधड़ी हो सकती है। साइबर कैफे ऑनर से बैकिंग इं फॉर्मेशन साझा ना करें।


यह भी पढ़ें – Part I – ऑनलाइन शॉपिंग में इस तरह होता है आपके साथ फ्रॉड

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