नई दिल्ली। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि विज्ञापन देने वाली तीसरी कंपनी बन गई है। अब विज्ञापन की परिभाषा बदलती जा रही है। पहले समझा जाता था कि सुंदर चेहरों और ब्रांड के नाम से ही विज्ञापन चलते हैं जबकि बाबा रामदेव खुद ही अपनी कंपनी के ब्रांड एम्बेसेडर हैं।
पतंजलि को स्वदेशी और आयुर्वेदिक होने का मिला फायदा
एड एक्स इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार टेलीविजन ऑडियंस मेजरमेंट की मीडिया रिसर्च में पतंजलि विज्ञापन देने वाली तीसरी कंपनी है। ये कंपनी बस हिंदुस्तान यूनिलीवर और रेकिट बेंकिजर जैस कंपनियों से पीछे है। पतंजलि बहुत ही उत्साह के साथ अपना विज्ञापन कर रही है। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को स्वदेशी और ऑर्गेनिक होने का फायदा भी मिल रहा है। पतंजलि की सफलता को देखते हुए अब कुछ जाने-माने सेलिब्रेटीज जैसे हेमा-मालिनी भी इससे जुड़ गई है। पतंजलि ब्रांड अब शहद से लेकर स्पोट्र्स शूज तक निकालने लगा है। साथ ही ये ब्रांड मीडिया प्लेटफॉर्म का अच्छा प्रयोग कर रहा है।
अपने टर्नओवर का 2 से 3 प्रतिशत ही विज्ञापन पर कर रहे हैं खर्च
इसके विज्ञापन मुख्य तौर पर प्रोडक्ट की शुद्धता और क्वालिटी पर आधारित होते हैं। पतंजलि ने विज्ञापन में कैडबरी जैसी बड़ी कंपनी को भी पछाड़ दिया है। पतंजलि के टीवी विज्ञापन बढ़कर 4,524 घंटे हो गए हैं। वहीं हिंदुस्तान लीवर के विज्ञापन 29,998 घंटे हैं। ये विज्ञापन पतंजलि को अच्छा रेवन्यू भी दिलवा रहे हैं। साथ ही पतंजलि अपनी मुहिम को तेजी से आगे बढ़ा रही है। पतंजलि के विज्ञापनों को बहुत ही कम कीमत पर लिया जा रहा है। पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि हम अपने विज्ञापनों पर बहुत ही कम खर्चा कर रहे हैं। हम विज्ञापनों पर अपने टर्नओवर का सिर्फ 2 से 3 प्रतिशत पैसा खर्च कर रहे हैं। वहीं हिंदुस्तान यूनीलीवर जैसी कंपनी विज्ञापन पर करीब 4,595 करोड़ रुपए खर्च कर रही है।