रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू खाता खोलने तथा बिल की बिना पर ऋण देने की प्रक्रियाओं में नियमों के उल्लंघन के लिए निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने बताया है कि उसे शिकायत मिली थी कि बिल डिस्काउंङ्क्षटग (बिल की बिना पर उद्यमियों को भुगतान करना) में बैंक की एक शाखा में नियमों की अवहेलना की जा रही है।
मुंबई. रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू खाता खोलने तथा बिल की बिना पर ऋण देने की प्रक्रियाओं में नियमों के उल्लंघन के लिए निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने बताया है कि उसे शिकायत मिली थी कि बिल डिस्काउंङ्क्षटग (बिल की बिना पर उद्यमियों को भुगतान करना) में बैंक की एक शाखा में नियमों की अवहेलना की जा रही है।
आरबीआई ने जांच के बाद आरोपों को सही पाया और इस संबंध में बैंक से जवाब मांगा। दस्तावेजी सबूतों तथा तथ्यों के आधार पर बैंक पर जुर्माना लगाने का फैसला किया गया। बैंक ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि उक्त शाखा चालू खाता खोलने और बिल डिस्काउंङ्क्षटग में नियमों के उल्लंघन के साथ ऐसे ग्राहकों को भी बिल डिस्काउंङ्क्षटग की सुविधा दे रहा है, जो इसके पात्र नहीं हैं। इस सुविधा के तहत एक उद्यमी अपने क्लाइंटों के बकाये का बिल बैंक में जमा कराकर उसके बदले बैंक से नकद भुगतान प्राप्त कर लेता है। इसके बाद क्लाइंट उद्यमी की बजाय बिल की तय तिथि पर बैंक को बिल की राशि का भुगतान करता है।
इस सुविधा के लिए बैंक उद्यमी को भुगतान करते समय कुछ राशि डिस्काउंट के रूप में काट लेता है। यदि तय तिथि पर क्लाइंट बैंक को पैसे नहीं देता है तो बैंक ब्याज वसूलता है जिसके देनदारी पहले से ही क्लाइंट या उद्यमी पर तय होती है। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि लक्ष्मी विलास बैंक पर यह जुर्माना सिर्फ नियमों के उल्लंघन के लिए लगाया गया है तथा इससे किसी ट्रांजेक्शन की वैधता समाप्त नहीं होती।