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आज की जाएगी 1 लाख करोड़ के दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी

सरकार को
इस नीलामी से है 43,161.72 करोड़ रूपए मिलने की उम्मीद

Mar 04, 2015 / 01:54 pm

अमनप्रीत कौर

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्रालय बुधवार से शुरू होने जा रही रेडियो स्पेक्ट्रम की ई-नीलामी पर बराबर नजर रखे हुए है। यह नीलामी सरकार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके जरिए सरकार जीडीपी के 4.1 प्रतिशत के वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करना चाहती है। केंद्रीय दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “मंगलवार को नीलामी का पूर्वाभ्यास सुचारू रूप से संपन्न हुआ। हम सभी अब कल के लिए तैयार हैं।”

इस नीलामी प्रक्रिया पर एमजंक्शन सर्विसिस ने सरकार को सलाह दी है। एमजंक्शन एक सूचना प्रौद्योगिकी और इंटरनेट कंपनी है, जिसे भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) और टाटा स्टील के बीच 50-50 प्रतिशत संयुक्त उपक्रम के साथ 14 साल पहले शुरू किया गया था। यह नीलामी सरकार के लिए महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि इससे सरकार को 43,161.72 करोड़ रूपए मिलने की उम्मीद है। नीलामी प्रक्रिया के जरिए सरकार को नए दूरसंचार संचालक कंपनियों से प्रवेश शुल्क और अन्य संबंधित शुल्क भी प्राप्त होंगे।

सरकारी लेखाकारों के मुताबिक, स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार को बड़ी मात्रा में धनराशि प्राप्त होने की संभावना है, क्योंकि सरकार का वित्तीय घाटे का लक्ष्य 512,628 करोड़ रूपए है। संशोधित बजट अनुमानों के मुताबिक इस वित्त वर्ष के प्रारंभिक 10 महीनों में इसे पार कर लिया गया है। महालेखा नियंत्रक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रेल-जनवरी 2014-15 के दौरान घाटा 568,000 करोड़ रूपए रहा है, जो मूल बजट अनुमान का लगभग 110 प्रतिशत अधिक है।

2013-14 में सरकार दूरसंचार स्पेक्ट्रम से 40,113 करोड़ रूपए प्राप्त करने में सफल रही है। नीलामी के ताजा दौर में 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में कुल 103.75 मेगाहर्ट्ज नीलामी के लिए रखे गए हैं। 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 177.8 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 99.2 मेगाहर्ट्ज और 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड में पांच मेगाहर्ट्ज नीलामी के लिए रखे गए हैं।

नीलामी की इस प्रक्रिया में आठ कंपनियां हिस्सा ले रही हैं, जिनमें वोडाफोन, भारती एयरटेल, आईडिया, टेलीविंग्स, एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसिस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस जियो शामिल हैं। यह नीलामी कुछ दूरसंचार कंपनियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनमें से कई कंपनियों के लाइसेंस की 20 वर्षीय अवधि दिसंबर में समाप्त हो रही है। इन आठ कंपनियों ने नीलामी में हिस्सा लेने के लिए कुल 20,435 करोड़ रूपए की राशि जमा कराई है। विशेषज्ञों के मुताबिक इससे पता चलता है कि नीलामी का यह मुकाबल काफी कड़ा होने वाला है, क्योंकि कंपनियों की ओर से जमा कराई गई धनराशि न्यूतनम निर्धारित राशि से कम से कम 2.5 गुना अधिक है। इन कंपनियों में रिलांयस जियो सबसे अधिक धनराशि जमा कराने के साथ शीर्ष पर है।

अनुमानों के मुताबिक, इस नीलामी में सिर्फ आधार मूल्य से ही 82,000 करोड़ रूपए की प्राप्ति होगी। हालांकि मूल नीलामी प्रक्रिया से प्राप्त धनराशि रिकॉर्ड स्तर तक जाने का अनुमान है। चिंता का विषय हालांकि यह है कि 2010 में नीलामी प्रक्रिया 183 दौर की बोलियां के बाद 34 दिन में पूरी हुई थी। 2012 की नीलामी प्रक्रिया को पूरा होने में दो दिन लगे थे। 2013 की स्पेक्ट्रम नीलामी सिर्फ चार घंटे चली थी। क्योंकि इस दौरान छोटे मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई थी, जबकि 2014 में 68 दौर की बोलियां 10 दिनों में पूरी हुईं।

अधिकारियों के मुताबिक ताजा दौर की इस नीलामी प्रक्रिया का संचालन सोमवार से शनिवार तक सुबह नौ बजे से शाम 7.30 बजे तक किया जाएगा। छह मार्च को होली के दिन भी नीलामी प्रक्रिया जारी रहेगी।

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