बिक रही है याहू, खरीदने वालों की रेस में वेरिजॉन सबसे आगे
खबरों के अनुसार याहू के कोर इंटरनेट बिजनेस खरीदने की रेस में वेरिजॉन सबसे आगे है
नई दिल्ली। दुनिया की टॉप सर्च इंजन कंपनियों में शुमार याहू बिकने जा रही है। मीडिया खबरों के मुताबिक वेरिजॉन कम्युनिकेशंस करीब 33,500 करोड़ रुपए में याहू के कोर बिजनेस को खरीद सकती है। पिछले कुछ समय से गूगल और फेसबुक से कड़ा मुकाबला मिलने के कारण उसकी सेहत बिगड़ गई है। इससे याहू के प्रॉफिट में भी तेजी से कमी आई है। खबरों के अनुसार याहू के कोर इंटरनेट बिजनेस खरीदने की रेस में वेरिजॉन सबसे आगे है।
खबरों के अनुसार वेरिजॉन याहू का कोर इंटरनेट बिजनेस खरीदेगी, लेकिन इसमें याहू के पेटेंट शामिल नहीं है। इस डील में रियल एस्टेट एसेट्स को शामिल किया गया है। नॉन कोर (इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी) एसेट्स को अलग से बेचा जाएगा। हालांकि अभी तक याहू और वेराइजन की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
याहू का मार्केट कैप 3741 करोड़ डॉलर है, जबकि याहू के कोर बिजनेस का मार्केट कैप करीब 24700 करोड़ रुपए का है। उधर वेरिजॉन का मार्केट कैप 23000 करोड़ डॉलर है। सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में डील का एलान किया जाएगा। इस डील से वेरिजॉन को याहू के डेली लाखों यूजर्स मिल जाएंगे। इस रेस में एटीएंडटी इंक, क्विकन लेान इंक, वेक्टर कैपिटल मैनेजमेंट और टीपीजी भी शामिल थीं।
याहू के पास हैं दो रास्ते
पहला रास्ता है अलीबाबा को बेचने का और दूसरा रास्ता है कंपनी अपने कोर बिजनेस सर्च इंजन को बेच दे। अगर कंपनी कोर बिजनेस को बेचती है तो अमरीकी कानून के अनुसार उसे टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेंगे। इससे याहू के शेयरहोल्डर्स को भी अच्छा-खासा टैक्स बिल का पेमेंट करना पड़ेगा। कंपनी के हेज फंड स्टारबोर्ड ने याहू के बोर्ड मेंबर्स और सीईओ मैरिसा मेयर को पत्र लिखकर कहा था कि एबॉको होल्डिंग से निकलना अच्छा कदम नहीं होग। इससे बेहतर कंपनी अगर अपने कोर बिजनेस को बेचती है तो यह अच्छा सौदा होगा। इससे कंपनी के अलीबाब और याहू जापान में जारी स्टेक पर असर नहीं पड़ेगा। स्टारबोर्ड कंपनी के इस प्लान से परेशान था कि याहू अलीबाबा से अपना स्टॉक बेचने जा रहा है, जिससे स्टॉक पर असर पड़ेगा और कंपनी को 30 अरब डॉलर का टैक्स देना पड़ेगा।
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