विचार किये जा सकने वाले प्रमुख मुद्दे एक राज्य एक वोट और चयन समिति मैं तीन पूर्व टेस्ट क्रिकेटर के शामिल करने का फैसला महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली : लगभग एक साल पहले लोढ़ा समिति द्वारा बीसीसीआई के प्रशासन और खेल मैं सुधार को लेकर की गयीं सिफारिशों को लागु करने पर सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा से विचाराकारने का फैसला किया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि समिति की सिफारिशोंके मूल को बदला नहीं गया है , तो वो दोबारा से इन पर विचार कर सकता है। समिति कि कुछ सिफारिशें पुरे भारत के लिए सही नहीं हो सकतीं।विचार किये जा सकने वाले प्रमुख मुद्दे एक राज्य एक वोट और चयन समिति मैं तीन पूर्व टेस्ट क्रिकेटर के शामिल करने का फैसला महत्वपूर्ण है।
एक राज्य एक वोट
एक राज्य एक वोट देश के खेल प्रशासन के लिए सही नहीं हो सकता। महाराष्ट्र बडोदा और रेलवे द्वारा की शिफरिशों को शामिल करने के पक्ष मैं हूँ किसी की नियुक्ति करने के लिए कम और ज्यादा अनुभव के स्तर पर विचार करने की जरूरत है। कोर्ट का ये आदेश जस्टिस दीपक मिश्र , जस्टिस ए. एम.खानविलकर और जस्टिस चन्द्रचूड ककी बेंच ने मौखिक रूप से दिया।
अगली सुनवाई मैं प्रगति रिपोर्ट मांगी
कोर्ट ने बीसीसीआई की 26 जुलाई को होने वाली मीटिंग पर रोक लगाते हुए कहा कि बीसीसीआई लोढ़ा समिति को वृहद स्तर पर लागु करे। बीसीसीआई 26 जुलाई को तय करे कि समिति की सिफारिशों को कैसे लागु किया जायेगा। इस सम्बन्ध की रिपोर्ट 18 अगस्त को होने वाली सुनवाई मैं पेश करे 5 सितम्बर को होने वाली सुनवाई मैं कोर्ट इस पर विचार करेगा।
बीसीसीआई औरखेल संघों की चूहे बिल्ली की लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई मैं सुधार के लिए लोढ़ा समिति का गठन किया था। कोर्ट ने अपने आदेश मैं कहा था कि समिति के सुझाव क्रिकेट के स्तर पर मान्य होंगे।
खेल प्रेमियों को निराश नहीं कर सकते
एक राज्य एक वोट पर टिप्पड़ी करते हुए कोर्ट ने कहा की बीसीसीआई का ये रवैया छोटे क्रिकेट संघों के लिए अलाभकारी हो सकता है। मुंबई और गुजरात क्रिकेट संघों को एक से ज्यादा वोट का अधिकार है जो छोटे क्रिकेट संघों का नुकसान करता है। खेल प्रेमियों के लिए खेल से प्यार बनाये रखने के लिए जरूरी है कि उसके प्रशासन उसमे लिप्त बुराइयों को दूर कर उसकी सुचिता को बनाये रखा जा सके।