द्रविड़ ने ग्लेन मैक्ग्राथ और मुथैया मुरलीधरन को कॅरियर के सबसे मुश्किल गेंदबाज बताया
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ दिसंबर में होने वाली क्रिकेट सीरीज का लेकर चल रही अटकलबाजियों के बीच टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने कहा कि वैसे तो हर जीत के अलग मायने हैं लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 2004 में सीरीज जीतना बेहद खास अनुभव था। क्रिकेट की ‘वॉल’ कहे जाने वाले द्रविड़ ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर प्रशंसकों से बातचीत में कहा, जीत हमेशा संतोष देने वाली होती है लेकिन कुछ जीत ऐसी होती हैं जिसकी याद आपके जहन में हमेशा ताजा रहती है। पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 2004 में टेस्ट सीरीज जीतना उन कुछ जीतों में शुमार हैं जो आज भी खास है।
उन्होंने कहा,क्रिकेट के इस लंबे प्रारूप में सभी खिलाड़ी पांच दिन तक कड़ी मेहनत करते हैं और जब आप जीत हासिल करते हैं तो यह बेहद संतोषजनक होती है। पाकिस्तान के अलावा मजबूत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में हासिल जीत भी मेरे लिए खास स्थान रखती है। हमने ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर हराया था। हम सीरीज नहीं जीत पाए थे लेकिन वहां जीत हासिल करना भी बेहद मायने रखता है।
कॅरियर में 13 हजार से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले द्रविड़ ने आस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्राथ और श्रीलंका के पूर्व जादुई आफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन को कॅरियर के सबसे मुश्किल गेंदबाज बताया। उन्होंने कहा कि दोनों ही लाजवाब खिलाड़ी थे और इन्हें खेलने में उन्हें हमेशा सावधानी बरतनी पड़ती थी। इन दोनों लीजेंड खिलाडिय़ों के सामने बल्लेबाजी करते समय चूक की गुंजाइश न के बराबर होती है।
द्रविड़ ने भारतीय टेस्ट टीम के वर्तमान सलामी बल्लेबाज मुरली विजय की तारीफ करते हुए कहाकि उनकी तकनीक काफी अच्छी है। पिछले दो सालों में उन्होंने खुद को काफी बदला है। इंग्लैण्ड और ऑस्ट्रेलिया जैसी मुश्किल पिचों और घूमती चिों पर उनका प्रदर्शन शानदार है। टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच पकडऩे का रिकॉर्ड अपने नाम रखने वाले द्रविड़ का मानना है कि अश्विन और अजिंक्या रहाणे की जोड़ी उनके व अनिल कुम्बले के प्रदर्शन को पीछे छोड़ देगी।