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BCCI के नए “बॉस” ने कहा, दो महीने में दिखने लगेंगे बदलाव

Published: Oct 05, 2015 10:33:00 am

प्रेसिडेंट बनने के फौरन बाद शशांक मनोहर कहा कि उनकी पहली प्रॉयरिटी बोर्ड की इमेज ठीक करना है

Shashank Manohar

Shashank Manohar

मुंबई। मुंबई में रविवार को बोर्ड की विशेष आम बैठक(एसजीएम) में शशांक मनोहर को औपचारिक रूप से बीसीसीआई अध्यक्ष चुना गया है। प्रेसिडेंट बनने के फौरन बाद उन्होंने कहा कि उनकी पहली प्रॉयरिटी बोर्ड की इमेज ठीक करना है। साथ ही भरोसा जताया कि अगले दो महीने में बदलाव दिखने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हितों का टकराव दूर करने के लिए लोकपाल लाया जाएगा। उन्होंने प्रेस-कांन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए घोषणा की बोर्ड को अनेक गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा जिनसे निपटने के लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, “बीसीसीआई में पारदर्शिता की कमी और राज्य एसोसएशन में वित्तिय जवाबदेही का अभाव।” उनका स्पष्ट शब्दों में कहना था कि बोर्ड में कुछ गलत है।

बीसीसीआई अध्यक्ष के सूझाव
1. खिलाडियों और प्रशासकों से जुड़े हितों के टकराव के मामले से निपटने के लिए लोकपाल की नियुक्ति।
2. मैदान पर भ्रष्टाचार के मामलों को देखने के लिए सरकारी जांच एजेंसी को जोड़ना क्योंकि बीसीसीआई के पास जांच का अधिकार नहीं।
3. राज्य संघ बीसीसीआई से प्रति 25 से 35 करोड़ के बीच मिल रहे अनुदान को कैसे खर्च कर रहे हैं इसकी निगरानी के लिए स्वतंत्र अडिटर की नियुक्ति।
4. बीसीसीआई का संविधान, बैलेंस शीट और 25 लाख या इससे अधिक खर्चे को बोर्ड की वेबसाइट पर डालना।
5. राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में नई जान फूंकना जो भारतीय क्रिकेट को अच्छे खिलाड़ी उपलब्ध कराएगा।
6. महिला क्रिकेटरों को बीसीसीआई के केन्द्रीय अनुबंध-वित्त समिति पहले ही इसे स्वीकृति दे चुकी है जो इसके अन्तर्गत लाना है।
7. सभी पुराने रिकार्ड और दस्तावेज मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में उपलब्ध रहेंगे जिससे किसी भी सदस्य हो जरूरत होने पर इन्हें देख सकें।
8. भारत में अगले साल होने वाली आईसीसी विश्व टी-20 चैम्पियनशिप का निर्बाध आयोजन।
9. संविधान में संशोधन नहीं होने तक बीसीसीआई चुनाव में अध्यक्ष पद का वोट नहीं डालना।
10. किसी विवाद के समाधान के लिए अध्यक्ष के अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करना बल्कि अधिकांश लोगों के नजरियों पर गौर करना।
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