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नेत्रहीन विश्व कप चैंपियन नहीं जुटा सका इंग्लैंड दौरे के लिए Rs 63000

Published: May 23, 2015 11:06:00 am

टी20 विश्व कप जीतने के बाद प्रधानमंत्री ने किया
था सम्मानित, पैसों की तंगी के चलते नहीं जा सका इंग्लैंड दौरे पर

Amol Karche

Amol Karche

मुंबई। छह महीने पूर्व भारत को पहले टी20 विश्व कप का खिताब जीतने का गौरव प्रदान करने वाले नेत्रहीन खिलाड़ी अमोल कारचे पैसों की तंगी के चलते टीम के इंग्लैंड दौरे का हिस्सा नहीं बन सके। शुक्रवार को उनकी टीम के अन्य साथियों ने लंदन के लिए उड़ान भरी, लेकिन किसान पुत्र अमोल पुणे स्थित अपने घर में ही उदास बैठे रहे। इस दौरे पर जाने के लिए अमोल को 63000 रूपए की जरूरत थी, लेकिन वे समय रहते इतनी रकम का इंतजाम नहीं कर सके।

छह महीने पहले जब नेत्रहीन खिलाडियों की इस टीम ने पहली बार टी20 विश्व कप जीता था तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमोल और अन्य खिलाडियों का सम्मान किया था। यही नहीं खेल मंत्रालय ने टीम के हर खिलाड़ी को 5 लाख रूपए कैश पुरस्कार देने की भी घोषणा की थी। विश्व कप के दौरान खेले गए सात मैच में मीडियम पेसर अमोल ने 7 विकेट हासिल किए थे, इसमे ंदो विकेट अमोल ने पाकिस्तान के खिलाफ 7 दिसंबर 2014 को खेले गए फाइनल मैच में चटके थे।

अमोल ने कहा, “मैंने इंग्लैंड दौरे के लिए कड़ी ट्रेनिंग की थी, लेकिन 63000 रूपए नहीं जुटा पाया। मैंने बहुत बड़ा अवसर गंवा दिया।” अमोल ने बताया कि उसने मदद के लिए पुणे की नेत्रहीन क्रिकेट एसोसिएशन से भी गुहार लगाई थी। हालांकि एसोसिएशन ने उसे मदद करने से मना नहीं किया था, लेकिन उन्होंने मदद भी नहीं की। अमोल ने बताया, “मैं बहुत दुखी हूं क्योंकि विश्व कप की टीम में महाराष्ट्र से मैं अकेला खिलाड़ी थी और मुझे डोनेशन का एक रूपया भी नहीं मिल सका। विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन के बाद मैं इंग्लैंड दौरे के लिए बहुत आशावादी थी और मुझे पूरा विश्वास था कि मैं इस दौरे पर भी अच्छा प्रदर्शन करूंगा।”

अमोल के पिता किसान हैं और बेहद गरीब हैं। अमोल ने बताया, “विश्व कप के लिए फिनांस समस्या नहीं था, क्योंकि वहां के लिए क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इन इंडिया (सीएबीआई) ने ही सारे इंतजाम किए थे। मुझे पता था कि इंग्लैंड दौरे के लिए फंड जुटाना बड़ी चुनौती होगा, लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि इसके लिए मुझे एक रूपए की भी मदद नहीं मिलेगी। मुझे दुख है कि राज्य सरकार ने मुझे विश्व कप में अच्छे प्रदर्शन के लिए भी सम्मानित नहीं किया।”

यह कहानी केवल अमोल की नहीं है, पैसों की कमी के चलते केरल के मोहम्मद फरहान और झारखंड के गोलू कुमार को भी इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में जगह नहीं मिल सकी। उधर सीएबीआई के जनरल सचिव महंतेश किवदासन्नवर ने कहा, “इस दौरे के लिए पैसा जुटाना हमारे लिए भी चुनौती है। इस दौरे की लागत 25 लाख रूपए है और गल्फ एयर ने हमें टिकट्स पर 50 फीसदी का डिस्काउंट दिया था। केंद्र सरकार ने हमें कुछ पैसे देने का वादा किया था और कुछ मदद कर्नाटक के एनजीओ समर्थनम से मिली। आंध्र प्रदेश ब्लाइंड क्रिकेट एसोसिएशन ने तीन खिलाडियों की मदद की। हमने इस मामले में बीसीसीआई से भी मदद मांगी थी, लेकिन वहां से हमें कोई जवाब नहीं मिला।”

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