नई दिल्ली/कोलकाता। भारतीय क्रिकेट में चल रही टीम के कोचिंग स्टाफ को लेकर वर्चस्व की लड़ाई का अंत नहीं दिखाई दे रहा है। राहुल द्रविड़ और
जहीर खान को बल्लेबाजी व गेंदबाजी सलाहकार बनाने के फैसले पर सवाल उठने से नाराज
सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली व वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की नाराजगी को प्रशासकों की समिति (सीओए) ने ज्यादा तवज्जो नहीं दी है। सीओए ने बीसीसीआई को नए कोचिंग स्टाफ के कांट्रेक्ट फिलहाल रोकने को कहा है।
आज रिव्यू करेंगे सीओए सदस्य
अब इन कांट्रेक्ट का शनिवार को मीटिंग में सीओए सदस्य रिव्यू करेंगे, इसके बाद ही इन्हें जारी किया जाएगा। इसके पीछे नए चीफ कोच रवि शास्त्री की जहीर पर जताई आपत्ति को आधार माना जा रहा है। संभावना है कि अब बी. अरुण गेंदबाजी कोच बनेंगे और जहीर को उन्हें सलाहकार के तौर पर सहयोग देना होगा, जो शायद ही जहीर स्वीकार करेंगे।
गांगुली ने निकाली बोर्ड के दावे की हवा
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और सीएसी के सदस्य सौरव गांगुली ने शुक्रवार को ये कहकर बीसीसीआई के दावे की हवा निकाल दी कि समिति ने
जहीर खान को साल में 150 दिनों के लिए गेंदबाजी सलाहकार बनाने की सिफारिश की थी। बोर्ड ने गुरुवार रात को जारी बयान में राहुल द्रविड़ को बल्लेबाजी सलाहकार व जहीर को गेंदबाजी सलाहकार बनाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इनका इस्तेमाल विदेश के अलग-अलग दौरों में जरूरत के हिसाब से होना था।
सीओए-सीएसी में मतभेद की खबरें
यह बयान आनन-फानन में सीओए-सीएसी के बीच मतभेद की खबरों के बाद था। हालांकि, बुधवार रात के बयान में बोर्ड ने जहीर को कोच बताया था। गुरुवार को बोर्ड ने जहीर को फुलटाइम कोच नहीं बनाने के पीछे उनके सिर्फ 100 दिन के लिए उपलब्ध रहने की बात कही थी। लेकिन गांगुली के बयान ने इसे गलत ठहरा दिया है।
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