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देश के लिए क्रिकेट खेला लेकिन नौकरी गंवाई

Published: Mar 04, 2015 03:26:00 pm

नौकरी दांव पर लगे होने के बाद भी उन्होंने इस खेल को चुना और देश का नाम रोशन किया

मुम्बई। मुम्बई के कैलाश घाणेकर का क्रिकेट को लेकर जज्बा केवल शब्दों में ही नहीं बल्कि उनके काम में भी दिखता है। इसी के कारण था नौकरी दांव पर लगे होने के बाद भी उन्होंने इस खेल को चुना और देश का नाम रोशन किया। दिल्ली में आयोजित शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के एशिया कप क्रिकेट में वे भारतीय टीम के सदस्य थे। मुम्बई के नालासोपारा के रहने वाले घाणेकर शारीरिक रूप से 55 फीसदी अक्षम है।

इस प्रतियोगिता में खेलने के लिए उन्होंने अपनी स्टॉक ब्रोकर कंपनी से छुट्टी ली। लेकिन प्रतियोगिता 3-4 दिन के लिए आगे बढ़ गया इसके चलतेे उन्होंने कंपनी से छुट्टी बढ़ाने की मांग की। लेकिन कंपनी ने इससे इनकार कर दिया और नौकरी व खेल में से किसी एक को चुनने को कहा। इस पर घाणेकर ने अपने पिता से बात की और उन्होंने खेल पर ध्यान देने को कहा। भारत ने फाइनल में अफगानिस्तान को हराकर खिताब अपने नाम किया।

हालांकि घाणेकर अपनी कंपनी के कदम को गलत नहीं मानते और कहते हैं कि उनकी कंपनी काफी दयालु थी। उन्होंने मुझे हमेशा छुट्टी दी लेकिन इस बार मैंने अचानक से छुट्टी बढ़ाने को कहा लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं थे। घाणेकर अभी नौकरी ढूंढ रहे हैं और इंटरव्यू दे रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें नौकरी मिल जाएगी। 

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