scriptदिल्ली हाईकोर्ट ने आजाद-बेदी को दिया झटका | DDCA issue: Delhi HC dismisses plea of Kirti Azad, Bedi | Patrika News

दिल्ली हाईकोर्ट ने आजाद-बेदी को दिया झटका

Published: Feb 09, 2016 04:39:00 pm

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को डीडीसीए पर लगे कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच CBI से अदालत की निगरानी में
कराने संबंधी आजाद और बेदी की
याचिका को खारिज कर दिया

kirti azad

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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) पर लगे कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई से अदालत की निगरानी में कराने संबंधी पूर्व भारतीय क्रिकेटरों कीर्ति आजाद और बिशन सिंह बेदी की याचिका को खारिज कर दिया। आजाद और बेदी ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच अदालत की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायाधीश मनमोहन ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई ने गत वर्ष अक्टूबर में इस मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी थी।

अदालत ने कहा, अदालत का मानना है कि इस मामले में प्रारंभिक जांच पहले ही शुरू हो चुकी है और न्यायालय की निगरानी में जांच कराने के निर्देश सिर्फ इसलिए नहीं दिए जा सकते क्योंकि केंद्रीय मंत्री का नाम इस मामले में जुड़ा हुआ है। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से निलंबित सांसद आजाद और बेदी ने डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। इस मामले में पूर्व क्रिकेटरों ने डीडीसीए के पूर्व प्रमुख और मौजूदा केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली और डीडीसीए के कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए साथ ही कहा, अदालत का यह भी मानना है कि विशेष जांच दल(एसआईटी) और अदालत की निगरानी में जांच दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में ही निर्देशित होती है और इस मामले में इसकी अनुमति इसलिये नहीं दी जा सकती क्योंकि याचिका में केंद्रीय मंत्री का नाम है।

उच्च न्यायालय ने साथ ही सीबीआई को इस मामले में कानून के दायरे में हर पहलू की जांच करने के भी निर्देश दिए। अदालत में बेदी की तरफ से दलील पेश करते हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि क्योंकि भ्रष्टाचार के आरोपों में एक केंद्रीय मंत्री का नाम शामिल है इसलिये सीबीआई पारदर्शिता और पूरी स्वतंत्रता के साथ मामले की जांच नहीं कर सकती है, और ऐसे में अदालत की निगरानी की आवश्यकता है।

सीबीआई की ओर अतिरिक्त सालिसिटर जनरल नीरज किशन कौल ने आजाद और बेदी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो मामले की जांच कर रही है और निष्कर्ष तक पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने डीडीसीए से कुछ दस्तावेजों की मांग की है और कुछ गवाह भी चिन्हित किए हैं। कौल ने कहा, सीबीआई स्वतंत्र संस्था है और सिर्फ याचिकाकर्ता चाहते हैं कि अदालत मामले की जांच करे तो ऐसा नहीं हो सकता है। इसकी कोई जरूरत नहीं है।

अपने निजी विवादों को सुलझाने के लिए ऐसी याचिकाएं इस्तेमाल नहीं की जा सकती हैं। इस मामले में केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने भी याचिका का विरोध किया। पूर्व क्रिकेटरों आजाद, बेदी, मनिंदर सिंह, क्रिकेट कोच गुरचरण सिंह और दो अन्य ने यह याचिका दायर की थी और केंद्र सरकार से डीडीसीए को मिलने वाली सब्सिडी को बंद करने के निर्देश देने की भी मांग की थी।

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