जो 1814 से नहीं हुआ वो आज विश्व कप फाइनल के लिए लॉडर्स में हो गया
Published: Jul 23, 2017 04:34:00 pm
क्रिकेट का ‘मक्का’ कहे जाने वाले लॉर्ड्स मैदान ने महिला विश्व कप के
फाइनल के ऐतिहासिक दिन रविवार को क्रिकेट की नियामक संस्था-मेरिलबोर्न
क्रिकेट क्लब (एमसीसी) अपने नियमों में बदलाव किए। अमूमन इस मैदान पर ढोल
और ड्रम ले जाना और बजाना मना है, लेकिन मेजबान इंग्लैंड और भारत के बीच
खेले गए इस बड़े मैच के लिए एमसीसी ने नियमों में बदलाव करते हुए भारतीय
प्रशंसकों को ढोल ले जाने की मंजूरी दे दी है।
Indian women will be able to repeat the history of Kapil Dev in Lords, see pictures
लंदन। एमसीसी ने भारतीय प्रशंसक दल ‘भारत आर्मी’ को मैदान के अंदर ढोल ले जाने के लिए अपनी अनुमति दे दी है।
हार्न या वुवुजेला जैसे संगीत यंत्र लॉर्ड्स में प्रतिबंधित हैं जिसे इंग्लैंड का प्रशंसक दल ‘बार्मी आर्मी’ अपने साथ ले जाती है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से सलाह के बाद एमसीसी ने अपने नियमों में इस फाइनल के लिए ढिलाई बरती। आईसीसी के टूर्नामेंट के टिकटों पर लिखे नियम व शर्ते एमसीसी से थोड़े इतर होते हैं।
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत आर्मी ने फाइनल के लिए कई संगीत यंत्र ले जाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन उसे सिर्फ ढोल मैदान के अंदर ले जाने की अनुमति मिली है। बाकी कोई और यंत्र की अनुमति उसे नहीं मिली।
इसके अलावा लॉर्ड्स पर प्रशंसकों को अधीकतर मैचों में झंडे ले जाने की भी मनाही है, लेकिन आईसीसी ने इस मैच में दोनों देशों के झंडे वितरित किए हैं।