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अश्विन-जडेजा ने बनाया 500वें टेस्ट को यागदार, जानिए ऐसे ही 4 ‘शतकीय’ मैंचों में कौन रहे हीरो

Published: Sep 26, 2016 11:17:00 pm

हम आपकों टीम इंडिया के ‘शतकीय’ टेस्ट मैचों में प्रदर्शन के बारे में
बताने जा रहे है। भारत ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 1932 में की थी

Ashwin-Jadeja

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम का ऐतिहासिक 500वां टेस्ट। टीम इंडिया से जिस तरह की उम्मीद थी वह उन पर खरी उतरी। ऐतिहासिक टेस्ट में जीत भी रॉयल ही मिली। भारत ने इस मैच में न्यूजीलैंड की टीम को 197 रनों के विशाल अंतर से हरा दिया। इस मैच को यादगार बनान में रविचन्द्रन अश्विन और रवीन्द्र जडेजा ने अहम भूमिका निभाई।

हम आपकों टीम इंडिया के ‘शतकीय’ टेस्ट मैचों में प्रदर्शन के बारे में बताने जा रहे है। भारत ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 1932 में की थी। तब से अब तक 84 साल के टेस्ट करियर में टीम इंडिया का प्रदर्शन शुरुआती 42 सालों में तो कुछ खास नहीं रहा। इस दौरान टीम इंडिया केवल 19 टेस्ट ही जीत पाई लेकिन बाद 42 साल में टीम ने अपने जबरदस्त सुधार करते हुए 111 टेस्ट जीत हासिल की। आइए बताते है कि भारत के शतकीय टेस्ट मैंचों में कौन-कौन रहे हीरो-

100वां टेस्ट: स्पिन चौकड़ी नहीं दिला पाई भारत को जीत
टीम इंडिया ने अपना 100वां टेस्ट 1967 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला था। उस समय टीम की कमान मंसूर अली खान पटौदी के हाथों में थी। हालांकि 100वें टेस्ट की यादें टीम के लिए अच्छी नहीं रही और उसे 132 रनों से करारी हार मिली थी। इस मैच में भारतीय टीम से 4 मशहूर स्पिनर खिलाए थे, जिनकी तूती बोलती थी। यह स्पिन चौकड़ी थी- बिशन सिंह बेदी, इरापल्ली प्रसन्ना, एस वेंकटराघवन और बीएस चंद्रशेखर की।

हालांकि इन चारों स्पिनरों ने ही मिलकर पहली पारी में इंग्लैंड के 9 विकेट झटक लिए और इंग्लैंड टीम 298 रन पर सिमट गई, लेकिन टीम इंडिया महज 92 पर लौट गई। दूसरी पारी में चंद्रशेखर ने 3 और प्रसन्ना ने 4 विकेट लिए, लेकिन भारत को पहली पारी की खराब बैटिंग का खामियाजा भुगतना पड़ा और उसके सामने 410 रन का विशाल लक्ष्य खड़ा हो गया। जवाब में टीम इंडिया 277 रन पर ऑलआउट हो गई और 132 रन से हार गई।

200वां टेस्ट: भारत ने पाकिस्तान के साथ खेला ड्रॉ

टीम इंडिया ने टेस्ट मैचों के अगले शतकीय पड़ाव में पाकिस्तान का मुकाबला किया। 200वें टेस्ट टीम की कमान महान सुनील गावस्कर के हाथों में थी। यह मैच दिसंबर, 1982 में लाहौर में खेला गया था, जो छह टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला ही मैच था। पाक टीम ने पहले बैटिंग करते हुए इसमें 485 रन बनाए. दिलीप दोशी ने 5 विकेट, जबकि मदनलाल को 3 सफलताएं मिलीं। जवाब में भारत ने गावस्कर के 83 और णोहिंदगर अमरनाथ के 109 रन की मदद से 379 रन बनाए। टीम इंडिया को दूसरी पारी खेलने का मौका नहीं मिला और पहली पारी में बढ़त हासिल करने वाली पाक टीम ने दूसरी पारी में अंतिम दिन तक 1 विकेट पर 135 रन जोड़ पाई और इस तरह यह मैच ड्रॉ पर खत्म हो गया।

300वां टेस्ट: घरेल मैदान पर चखा जीत का स्वाद

टीम इंडिया ने 100वें टेस्ट में मिली हार और 200वां टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त होने के बाद 300वें यादगार टेस्ट में जीत का स्वाद चखा. तीन मैचों की सीरीज का यह पहला ही मैच था. नवंबर, 1996 में अहमदाबाद में खेले गए इस टेस्ट में टीम इंडिया की कप्तानी मोहम्मद अजहरुद्दीन ने की थी. यह मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुआ था, जिसे भारत ने 64 रनों से जीता था. इस मैच के हीरो रहे थे वर्तमान में टीम इंडिया के मुख्य कोच और महान स्पिनर रहे अनिल कुंबले. उन्होंने श्रीनाथ के 6 विकेटों की मदद से न केवल दूसरी पारी में 3 विकेट लेकर दक्षिण अफ्रीका को 105 रनों पर समेट दिया था, बल्कि दूसरी पारी में नाबाद 30 रन भी बनाए थे. इस प्रकार दक्षिण अफ्रीकी टीम 170 रन के लक्ष्य से 64 रन पीछे रह गई.

400वां टेस्ट: विंडीज धरती पर कुंबले ने दिलाई जीत
राहुल द्रविड़ ने इस ऐतिहासिक मैच में टीम इंडिया को विदेशी धरती पर सीरीज जीत दिलाई थी। 300वें टेस्ट की तरह इस मैच के हीरो भी अनिल कुंबले रहे। उन्होंने ऑलराउंड प्रदर्शन किया था। 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के शुरुआती 3 मैच ड्रॉ रहने के कारण सबकी नजरें इस मैच पर थीं, क्योंकि भारतीय टीम के हाथ विदेशी धरती पर सीरीज जीत का मौका था। टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 200 रन बनाए, जिसमें कप्तान द्रविड़ ने 81 रन, तो कुंबले ने 45 रन की पारी खेली थी।

जवाब में विंडीज टीम में पहली पारी में 103 रन पर ही सिमट गई। दूसरी पारी में द्रविड़ ने 68 रन बनाए और विंडीज के सामने जीत के लिए 269 रन का लक्ष्य था, लेकिन वह 219 रन पर ही सिमट गई। पहली पारी में एक विकेट लेने वाले कुंबले ने दूसरी पारी में घातक गेंदबाजी की और 22.4 ओवरों में 78 रन देकर विंडीज के 6 खिलाडिय़ों का पैवेलियन लौटा दिया और टीम इंडिया 49 रन से यह मैच जीतने में सफल रही।

500वां टेस्ट: अश्विन-जड़ेजा ने दिलाई बड़ी जीत
यह ऐतिहासिक टेस्ट तो सोमवार को ही खत्म हुआ है, जो कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में न्यूजीलैंड के साथ खेला गया। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 318 रन बनाए थे, जिसमें मुरली विजय ने 65 और चेतेश्वर पुजारा ने 62 रन बनाए। इसके बाद आर अश्विन (4 विकेट) और रवींद्र जडेजा (5 विकेट) ने कुल 9 विकेट झटककर न्यूजीलैंड को पहली पारी में 262 रन पर समेट दिया।

न्यूजीलैंड की ओर से केवल कप्तान केन विलियम्सन (75) और टॉम लाथम (58) ही टिककर खेल पाए। भारत की ओर से दूसरी पारी में एक बार फिर विजय (76) और पुजारा (78) की जोड़ी ने कमाल का प्रदर्शन किया। इसके बाद रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा ने तेजी से रन बनाते हुए कीवी टीम को 434 रन का विशाल लक्ष्य दे दिया. जवाब में न्यूजीलैंड 236 रन पर ही सिमट गई। दूसरी पारी में अश्विन ने 6 विकेट चटकाए। दोनों पारियों अश्विन ने कुल 10 विकेट अपने नाम किए।

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