टीम इंडिया ‘ए’ को बेहद रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ के हाथों 1 रन से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी…
क्वींसलैंड। टीम इंडिया ‘ए’ को बेहद रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ के हाथों 1 रन से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। कप्तान मनीष पांडे का बेहतरीन पारी भी टीम को जीता नहीं पाया। 322 रनों के लक्ष्य का पीछे करने उतरी इंडिया ए निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 321 रन ही बना सकी। एक समय भारत की जीत सुनिश्चित लग रही थी और आखिरी ओवर में भारतीय टीम को जीत के लिए नौ रन चाहिए थे, लेकिन आखिरी की दोनों गेंदों पर दो विकेट गिरे और भारतीय बल्लेबाज विजयी रन हासिल नहीं कर सके।
विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम शुरूआत में बेहद सुस्त दिखी। फैज फजल (12) और श्रेयष अय्यर (13) लय में नजर नहीं आए और जल्द ही अपने-अपने विकेट गंवा बैठे। सधे अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे मंदीप सिंह (56) ने अर्धशतक तो पूरा कर लिया, लेकिन भारतीय पारी को वे और संवार नहीं सके। केदार जाधव (20) ने कप्तान मनीष के साथ रन गति तेज करनी शुरू ही की थी कि कैमरून बोयसे ने उन्हें चलता कर दिया। भारतीय टीम 27 ओवरों में 144 रन पर चार अहम विकेट गंवाकर संकट में नजर आ रही थी।
लेकिन इसके बाद छठे पायदान पर बल्लेबाजी करने उतरे संजू सैमसन (87) ने मनीष के साथ तेज-तर्रार साझेदारी निभाई और भारतीय उम्मीदों को जिंदा कर दिया। दोनों बल्लेबाजों ने 19.4 ओवरों में 7.98 की रन गति से 157 रनों की साझेदारी निभाई।
लेकिन भारतीय पारी का 47वां ओवर लेकर डेनियल वोराल ने इसी ओवर में मनीष सहित दो विकेट चटका डाले और यहां से मैच ने यू-टर्न ले लिया। मनीष ने विपरीत परिस्थितियों में खेली अपनी बेहतरीन 91 गेंदों की पारी में 10 चौके और तीन छक्के लगाए।
अब भारतीय टीम को आखिरी के 18 गेंदों में 20 रनों की दरकार थी। सैमसन ने धैर्यपूर्वक लक्ष्य की ओर बढऩा जारी रखा। भारती को आखिरी दो गेंदों में तीन रन चाहिए थे लेकिन सैमसन आखिरी ओवर की पांचवीं गेंद पर कैच थमा बैठे। आखिरी गेंद पर भारतीय बल्लेबाजों ने दो रन भागने की कोशिश की, लेकिन दूसरा रन लेने के प्रयास में शार्दुल ठाकुर रन आउट हो गए और भारत लक्ष्य से एक रन दूर रह गया।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया-ए के लिए कुर्टिस पैटरसन (115) और निक मैडिनसन (118) ने दूसरे विकेट के लिए 6.54 की रन गति से 230 रनों की साझेदारी निभाई और बड़े स्कोर की नीवं रखी। ऑस्ट्रेलियाई टीम 40 ओवरों में दो विकेट पर 246 रन बना चुकी थी, जिसके बाद उन्हें बड़ा स्कोर खड़ा करने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
भारतीय टीम की ओर से सात गेंदबाजों को आक्रमण पर लगाया गया, लेकिन कोई भी भारतीय टीम को अपेक्षित सफलता नहीं दिला सका। शार्दुल सर्वाधिक दो विकेट हासिल कर सके। हालांकि आखिरी लीग मैच हारने के बावजूद भारतीय टीम पहले ही फाइनल में प्रवेश कर चुकी है, जहां उन्हें फिर से ऑस्ट्रेलिया-ए का ही सामना करना होगा।