सिन्हलीज स्पोट्र्स क्लब मैदान पर किसी टेस्ट मैच के किसी एक दिन गिरने वाली विकेटों की यह सर्वाधिक संख्या रही।
बारिश के कारण तीसरे दिन का खेल खत्म घोषित होने तक भारत ने 21 रनों पर तीन विकेट गंवा दिए। कप्तान विराट कोलही एक रन और रोहित शर्मा 14 रन बनाकर नाबाद लौटे।
भारत के तीनों शीर्ष बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (0), लोकेश राहुल (2) और अजिंक्य रहाणे (4) सस्ते में पवेलियन लौट गए।
रविवार को ही सुबह पहली पारी में नाबाद 145 रनों की बेहद जुझारू पारी खेलने वाले पुजारा खाता भी नहीं खोल सके और भारत की दूसरी पारी की दूसरी ही गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए। पुजारा का विकेट धम्मिका प्रसाद ने लिया। शेष दोनों विकेट नुवन प्रदीप ने लिए।
इससे पहले, इशांत शर्मा (54-5) सहित अपने तेज गेंदबाजों के धारदार गेंदबाजी के बल पर भारतीय टीम ने श्रीलंका की पहली पारी 201 रनों पर ढहा दी। श्रीलंका टीम कुल 52.2 ओवरों तक भारतीय गेंदबाजी झेल सकी। इशांत ने पांच, जबकि स्टुअर्ट बिन्नी और अमित मिश्रा ने दो-दो विकेट हासिल किए।
भारतीय गेंदबाजों ने शुरू से बेहद आक्रामक रूख अपनाते हुए 47 के कुल योग पर श्रीलंका के छह अहम विकेट चटका दिए थे। श्रीलंका के शीर्ष छह बल्लेबाजों में सिर्फ दिमुथ करूणारत्ने (11) और दिनेश चांडिमल (23) ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके।
इसके बाद कुशल परेरा (55) और रंगना हेराथ (49) ने सातवें विकेट के लिए 79 रनों की साझेदारी कर टीम को काफी सहारा दिया।
56 गेंदों पर नौ चौके लगाकर शानदार अंदाज में नजर आ रहे परेरा को पवेलियन की राह दिखा इशांत ने इस साझेदारी को तोड़ा। परेरा का कैच कप्तान विराट कोहली ने लिया।
हेराथ ने इसके बाद थारिंदू कौशल (16) और धम्मिका प्रसाद (नाबाद 6) के साथ छोटी-छोटी साझेदारी निभाई। इशांत ने हेराथ के रूप में अपना चौथा विकेट हासिल किया और उनकी संघर्ष भरी पारी पर विराम लगा दिया।
भारत ने पुजारा की नाबाद शतकीय पारी के बल पर अपनी पहली पारी में 312 रन बनाए। पुजारा ने अपनी 289 गेंदों की नाबाद पारी में 14 चौके लगाए। भारत का अंतिम विकेट उमेश यादव (4) के रूप में गिरा। भारत की पारी 100.1 ओवरों तक चली।
भारत ने दूसरे दिन स्टम्प्स तक आठ विकेट पर 292 रन बनाए थे। पुजारा के साथ इशांत शर्मा दो रन बनाकर नाबाद लौटे थे। श्रीलंका की ओर से धम्मिका प्रसाद ने चार और रंगना हेराथ ने तीन विकेट लिए।
बारिश के कारण लगातार तीसरे दिन पूरा खेल नहीं हो सका। दूसरे दिन भी 80.3 ओवरों का खेल ही हो सका था जबकि पहले दिन सिर्फ 15 ओवर फेंके जा सके थे। तीन मैचों की श्रृंखला में दोनों टीमें एक-एक मैच जीतकर बराबरी पर हैं।