घरेलू क्रिकेट में सिर्फ 4 विकेट करियर में लेने वाले जाधव ने सीरीज में अब तक 10 ओवर में 46 रन देकर 6 विकेट लिए हैं, वो भी 7.66 के जबरदस्त इकोनॉमिक
रन औसत के साथ।
कुलदीप पंवार
मोहाली। सात दिन पहले धर्मशाला में जब न्यूजीलैंड के खिलाफ भारतीय टीम वनडे
सीरीज में खेलने उतरी तो एक खिलाडी ऐसा था, जिसके नाम 88 लिस्ट—ए यानि
घरेलू क्रिकेट के वनडे मैचों में सिर्फ 4 विकेट का रिकॉर्ड दर्ज था। ऐसे
में कोई सोच भी नहीं सकता था कि कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी कभी उसे नेट
प्रैक्टिस में भी गेंदबाजी करने को कहेंगे, लेकिन प्रयोगों के लिए मशहूर
धौनी का धर्मशाला में खेला गया दांव सात ही दिन में उस खिलाडी को पूरे
विश्व में मशहूर कर गया है। बात हो रही है केदार जाधव की, जिन्हें यदि
भारतीय क्रिकेट का नया गोल्डन आर्म कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।
6 विकेट लिए हैं अब तक, टीम में सबसे बढिया गेंदबाजी औसत
समाचार लिखने तक 10 ओवर, 46 रन और 6 विकेट, वो भी 7.66 के जबरदस्त इकोनॉमिक
रन औसत के साथ। ये कहानी है जाधव के इस सीरीज में गेंद के साथ पिच पर
बिताए पिछले सात दिनों की।
कीवी नहीं समझ पा रहे गेंदबाजी
जाधव की अजीबोगरीब आॅफ स्पिन से लेकर लेग स्पिन तक पहुंचने वाली गेंदबाजी
को समझना कम से कम इस सीरीज में कीवी टीम के लिए अबूझ पहेली जैसा साबित हो
रहा है। मोहाली स्टेडियम में तीसरे वनडे मैच में ही जाधव ने जिस तरह से
कीवी कप्तान केन विलियम्सन को आउट किया, वो देखने लायक था। इसके बाद टॉम
लैथम भी उनकी एक अजब—गजब गेंद का ही शिकार बने।
बल्ले से भी दे रहे योगदान
केदार जाधव सिर्फ गेंद से ही टीम के लिए उपयोगी साबित नहीं हुए हैं बल्कि
बल्ले से भी उन्होंने दिल्ली मैच में शानदार 41 रन बनाकर खुद को आलराउंडर
साबित करने की कोशिश की थी। हालांकि दिल्ली मैच में उनके आउट होने के तरीके
की बेहद आलोचना हुई, लेकिन अनुभव के साथ वह और निखर जाएंगे, इसकी भरपूर
उम्मीद की जा सकती है।