सीरीज कब्जाने पर होंगी टीम इंडिया की निगाहें
दोनों टीमों के बीच सीरीज का तीसरा व अंतिम टी20 मैच रविवार को विशाखापत्तनम में खेला जाना है
विशाखापत्तनम। श्रीलंका को दूसरे मैच में हराकर बराबरी हासिल करने और लय में लौटने के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम रविवार को यहां मेहमान टीम के खिलाफ तीसरे और अंतिम ट्वंटी 20 मैच में इसी प्रदर्शन को दोहराते हुए सीरीज कब्जाने के लिए उतरेगी। तीन ट््वंटी 20 मैचों के पहले मुकाबले में नौसिखिया श्रीलंकाई टीम को कमतर आंकने की भूल का खामियाजा भारत को हार के रूप में चुकाना पड़ा था, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गृह नगर रांची में मेजबान टीम ने श्रीलंका को 69 रन के बड़े अंतर से हराकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है और विजाग में तीसरा और अंतिम मैच दोनों टीमों के लिए निर्णायक होगा।
पुणे में भारत को मिली हार ने उसकी गलतियों को उजागर किया था और अगले मैच में उसमें भारतीय खिलाडिय़ों ने व्यापक सुधार दिखाया जिसमें बल्लेबाजों ने टिककर रन बनाए तो गेंदबाजों ने विपक्षी टीम पर शुरू से नियंत्रण बनाकर रखा और जीत में बराबर की भूमिका निभाई। धोनी ने रांची में बल्लेबाजी क्रम में कुछेक बदलाव किए और उसका फायदा भी मिला। रांची में भारत ने अपनी योजनाओं को अच्छ तरह से मैदान पर लागू किया। ऑलराउंडर युवराज से पहले हार्दिक पंड्या को बल्लेबाजी क्रम में उतारने का भी फायदा मिला और इससे आगे के लिए धोनी को बल्लेबाजी क्रम का सही आंकलन करने में भी मदद मिल सकेगी। मध्यक्रम के बल्लेबाज पंड्या को ऑस्ट्रेलिया में परखने का मौका नहीं मिला था, लेकिन रांची में उन्होंने इस क्रम में अपनी अहमियत को साबित किया।
ओपङ्क्षनग में रोहित और धवन ने अच्छी शुरुआत दिलाई, हालांकि टीम में वापसी करने और विश्वकप तक के लिए टीम में जगह पाने वाले युवराज ङ्क्षसह लगातार निराश कर रहे हैं। सातवें नंबर पर उतरे युवराज शून्य पर आउट हुए जिससे आगामी बड़े टूर्नामेंट में टीम के लिए जरूर कुछ परेशानी का सबब हो सकता है, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ आखिरी अहम मुकाबले में युवराज के पास भी वापसी करने और खुद को साबित करने का मौका रहेगा। कप्तान धोनी ने माना है कि युवराज को और मौके दिए जाने की जरूरत है, लेकिन उन्होंने साथ ही साफ किया है कि युवराज को ओपनिंग क्रम में नहीं उतारा जा सकता है। वैसे भी श्रीलंका सीरीज के बाद टीम में विराट कोहली की वापसी होगी और साथ ही रोहित, शिखर, अजिंक्या रहाणे और सुरेश रैना और खुद धोनी की मौजूदगी के चलते काफी हद तक बल्लेबाजी क्रम तय है।
ऐसे में युवराज को निचले क्रम पर खेलने के अनुकूल खुद को ढालने की जरूरत है। रोहित लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि धवन भी फार्म में हैं। चोट के बाद वापसी कर रहे रहाणे ने कुछ संघर्ष जरूर किया था और संभव है कि निर्णायक मैच में धोनी मनीष पांडे को मौका दे दें, लेकिन इसकी उम्मीद कम ही दिखती है क्योंकि संभवत: धोनी रांची में विजयी रही टीम को बिना किसी बदलाव के ही मैदान पर उतारें। वहीं गेंदबाजी को देखें तो धोनी ने धीमी विकेट को देखते हुए ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मौका दिया और अश्विन 14 रन पर तीन विकेट लेकर सबसे सफल रहे। स्पिन गेंदबाजों में अश्विन के अलावा अनुभवी हरभजन सिंह भी हैं, लेकिन धोनी ने अब तक पिछले दोनों मैचों में भज्जी को मौका नहीं दिया है।
तेज गेंदबाजों में मध्यम तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, आशीष नेहरा बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों गेंदबाजों ने पिछले मैच में दो दो विकेट लिए थे, हालांकि भुवनेश्वर कुमार भी विशाखापट्नम में अच्छे साबित हो सकते हैं क्योंकि यहां की परिस्थितियों में उनकी स्विंग गेंदबाजी अहम साबित हो सकती है। भारत ने पिछली जीत से श्रीलंका पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया है, लेकिन पुणे में इसी टीम के हाथों उसे करारी हार झेलनी पड़ी थी और फिलहाल मेहमान टीम को कमतर नहीं कहा जा सकता है क्योंकि फिलहाल दोनों टीमें बराबरी पर हैं।
पुणे में भारतीय बल्लेबाजों को पानी पिलाने वाले श्रीलंकाई तेज गेंदबाजों की तिकड़ी कसुन रजीता, दुष्मंता चमीरा और दसुन शनाका रांची में भले ही टीम को जीत न दिला सकी हो, लेकिन इसके बावजूद श्रीलंकाई टीम की ताकत फिलहाल उसके गेंदबाज ही हैं। रांची में हैट्रिक लेने वाले तिषारा परेरा काफी प्रभावी साबित हुए थे, जबकि चमीरा ने भी दो विकेट हासिल किए थे। वहीं टीम के बल्लेबाजों में कप्तान दिनेश चांडीमल, तिलकरत्ने दिलशान, मिलिंडा श्रीवर्धने उलटफेर करने का दम रखते हैं। दिलशान मौजूदा टीम में सबसे अनुभवी हैं और भारत के खिलाफ खेल चुके हैं। ऐसे में धोनी के धुरंधरों को अंडर डॉग टीम से सबसे अधिक सतर्क रहकर मैदान पर उतरना होगा।
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